Did you know that now why do you get the most ATM closures?
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स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, पंजाब बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी अपने एटीएम बंद किए हैं। एटीएम में यह कटौती RBI के रेगुलेटरी ऑडर्स के बाद की जा रही है। RBI के डाटा के अनुसार इन स्टेट बैंकों ने पिछले एक साल में 1,635 एटीएम बंद किए हैं। सबसे ज्यादा एटीएम इंडियन ओवरसीज बैंक ने बंद किए हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक ने 15% के साथ एटीएम जिनकी पिछले साल अप्रैल में बैंक के एटीएम की संख्या 3,500 थी, जो अब मात्र 3000 ही रह गई है, बंद कर दिए हैं। इसके बाद केनरा बैंक और यूको बैंक हैं, जिन्होंने अपने 7.6 प्रतिशत एटीएम बंद किए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2000 एटीएम बंद किए हैं, वहीं स्कैम में फंसे पीएनबी ने 1000 एटीएम बंद किए।
पिछले एक साल में कई ATM बंद कर दिए हैं, दरअसल ऐसा इसलिए हो रहा है क्यूंकि RBI ने बैंकों के लिए एक PCA लिस्ट बनायीं है जिसमें आने वाले बैंकों ने कई एटीएम बंद कर दिए हैं। पिछले एक साल में ग्रामीण भारत सहित देश में cash withdrawl 22 प्रतिशत बढ़ा है। इस लिस्ट के अंदर आने वाले स्टेट बैंकों ने अपने कॉस्ट को कम करने के लिए रिजर्व बैंक के रेगुलेटरी ऑर्डर के बाद अपने एटीएम बंद करना शुरु कर दिए हैं।
PCA लिस्ट से बाहर होने के बाद भी बंद किए एटीएम बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक ऐसे दो बड़े बैंक हैं जो अपने ATM में कटौती कर रहे हैं। एक ओर जहां सरकारी बैंकों के एटीएम में कटौती की जा रही है तो वहीं प्राइवेट और स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFBs) ने इसकी कमी पूरी कर दी है। नए फीनो पेमेंट बैंक ने 2700 एटीएम मशीनें लगाई हैं, तो वहीं प्राइवेट बैंकों ने साल 2016 से 2017 के बीच 7,500 नए एटीएम इंस्टॉल किए। फिलहाल ये आंकड़ा उससे पिछले साल के मुकाबले कम है जब प्राइवेट बैंकों ने 15,714 एटीएम लगाए थे।
एटीएम में बहुत ज्यादा खर्चा आता है, एक ATM की कीमत 2.5 लाख होती है और ऑपरेशनल कॉस्ट 4 से 5 लाख के बीच, इस पर 20 लाख रुपए और जोड़ लें जिस पर कोई रिटर्न नहीं मिलता है। बैंक अपने नेटवर्क पर नकदी और फ्री ट्रांजेक्शन का प्रबंधन करते हैं, और फिर ग्राहक अन्य बैंकों के एटीएम का भी उपयोग करते हैं। मार्च 2016 से दिसंबर 2017 के बीच सरकारी बैंकों के शेयर में भरी गिरावट देखने को मिली थी। इसी दौरान कमर्शियल लेंडिंग मार्केट में इन बैंकों के शेयर 32 लाख गिरे। लेकिन प्राइवेट बैंक इस समस्या से कोसों दूर है, उनके उचित प्रबंधन से उन्हें न तो ज्यादा NPA का सामना करना पड़ता है और न तो PCA का।
What is PCA – आरबीआई ने कमजोर बैंकों के आकलन, निगरानी, नियंत्रण और सुधारात्मक कार्यवाही करने के लिए कुछ ट्रिगर अंक बनाये हैं। उस प्रक्रिया या तंत्र जिसके तहत इस तरह के एक्शन लिए जाते हैं जिससे उन्हें Prompt Corrective Action या PCA के रूप में जाना जाता है।