प्रदेश के जिलों में शुक्रवार की दोपहर बाद आई आंधी से उड़ती धूल से जनमानस प्रभावित हुआ। कुछ क्षेत्रों में ओले भी पड़े। आंधी-पानी और वज्रपात से पांच लोगों की मौत हो गई। कई जगह पेड़ व खंभे गिरने की भी बिजली आपूर्ति भी प्रभावित रही। मौसम के इस मिजाज से आम, गेहूं, सरसो, लाही और अरहर की फसल को भारी नुकसान होने का अनुमान है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं।
गोंडा में आंधी के दौरान गिरी बल्ली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। फैजाबाद, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, रायबरेली, अमेठी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर, बलरामपुर व बाराबंकी में शुक्रवार को आई आंधी के थमने के बाद हल्के बादल भी छाए, हालांकि बारिश नहीं हुई। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक गत कई दिनों से यहां उच्च तापक्रम बना हुआ है।
वहीं, पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में शुक्रवार की शाम अचानक आई तेज आंधी संग बूंदाबांदी से जानमाल का नुकसान हुआ। आजमगढ़ जिले के सरायमीर इलाके में आंधी के दौरान लिंटर का सेटङ्क्षरग गिरने से दो मजदूरों की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। तेज हवा के कारण कई घरों के टीनशेड व छप्पर उड़ गए। मौसम के अचानक करवट बदलने से तापमान में भी गिरावट आई। जौनपुर में आंधी संग बूंदाबादी से किसानों के माथे पर बल पड़ा है। गाजीपुर में तेज आंधी से कई पेड़ व बिजली के पोल गिर गए। इससे अलग-अलग स्थानों पर एक युवक सहित कई लोग घायल व चोटिल हो गए। बलिया नगर के राजभर बस्ती में तेज आंधी के कारण छत से गिरकर सुमन राजभर गंभीर रूप से जख्मी हो गई। गंभीर हालत में उसे सीयर सीएचसी में भर्ती कराया गया है। मऊ, मीरजापुर, सोनभद्र, चंदौली व भदोही में भी तेज आंधी से धूल का गुबार उड़ता रहा। कई लोगों की दुकानों के सामने लगे टीन शेड उड़कर दूर जा गिरे।
गोरखपुर और आसपास के जिलों में आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि भी हुई। गुलरिहा, खोराबार इलाके में वज्रपात से युवती और बच्चे की मौत हो गई, जबकि चिलुआताल में टेंपो पर पेड़ गिरने से तीन लोग जख्मी हो गए। बिजली के तार और खंभे गिरने से आपूर्ति बाधित हो गई। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कई इलाके देर रात तक अंधेरे में रहे। बारिश, ओलावृष्टि से गेहूं, सब्जी के साथ दलहन और तिलहन फसल को काफी नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी ने मृतक के परिवार को मुआवजा देने की बात कही है।
तीन लोगों की मौत
ताजा जानकारी के मुताबिक गोंडा में आंधी के दौरान गिरी बल्ली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। फैजाबाद, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, रायबरेली, अमेठी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर, बलरामपुर व बाराबंकी में शुक्रवार को आई आंधी के थमने के बाद हल्के बादल भी छाए, हालांकि बारिश नहीं हुई। पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में शुक्रवार की शाम अचानक आई तेज आंधी संग बूंदाबांदी से जानमाल का नुकसान हुआ। आजमगढ़ जिले के सरायमीर इलाके में आंधी के दौरान लिंटर का सेटरिंग गिरने से दो मजदूरों की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
तापमान में गिरावट
मौसम के अचानक करवट बदलने से तापमान में भी गिरावट आई। तेज हवा के कारण कई घरों के टीनशेड व छप्पर उड़ गए। जौनपुर में आंधी संग बूंदाबादी से किसानों के माथे पर बल पड़ा है। गाजीपुर में तेज आंधी से कई पेड़ व बिजली के पोल गिर गए। इससे अलग-अलग स्थानों पर एक युवक सहित कई लोग घायल व चोटिल हो गए। बलिया नगर के राजभर बस्ती में तेज आंधी के कारण छत से गिरकर सुमन राजभर गंभीर रूप से जख्मी हो गई। गंभीर हालत में उसे सीयर सीएचसी में भर्ती कराया गया है। मऊ, मीरजापुर, सोनभद्र, चंदौली व भदोही में भी तेज आंधी से धूल का गुबार उड़ता रहा। कई लोगों की दुकानों के सामने लगे टीन शेड उड़कर दूर जा गिरे।
कई दिनों से उच्च तापक्रम
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक गत कई दिनों से यहां उच्च तापक्रम बना हुआ है। इसी वजह से लो प्रेशर एरिया विकसित हुआ और पहाड़ी इलाकों से आई हवाओं ने आंधी का रूप धारण कर लिया। माना जा रहा है कि शनिवार को हल्के बादल छा सकते हैं, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। गौरतलब है कि गत कई दिनों से मौसम का मिजाज लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। दिन का तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा था।
अचानक हवाओं ने आंधी का रूप लिया
शुक्रवार को भी तापमान सामान्य से अधिक रहा। इसी वजह से पूरे दिन लोगों को खासी गर्मी का सामना करना पड़ा।शाम अचानक हवाओं ने आंधी का रूप धारण कर लिया। धूल भरी आंधी की वजह से सड़क पर आवागमन भी थम गया, हालांकि फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। आंधी थमने के बाद लोगों को गर्मी से अवश्य राहत मिल गई। नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार शनिवार को हल्की बदली छा सकती है, लेकिन बारिश नहीं होगी। हालांकि गुरुवार को तापमान सामान्य से अधिक रहा। लगातार चल रही उत्तरी पश्चिमी हवाओं की वजह से तापमान में बढ़ोतरी की ही उम्मीद की जा सकती थी।