Friday, November 22, 2024
Uncategorized

बॉल टेंपरिंग का मतलब क्या है, गेंदबाजों के लिए रिवर्स स्विंग की कितनी अहमियत है

PERTH, AUSTRALIA - MARCH 03: Mitchell Starc of Australia holds up a cricket ball during an Australian nets session at WACA on March 3, 2015 in Perth, Australia. (Photo by Paul Kane/Getty Images)
SI News Today

एक जमाना था जब पाकिस्तानी गेंदबाजों को इसमें महारत हासिल थी. धीरे-धीरे इसे दुनिया भर के गेंदबाजों ने सीखा. फिर भी, जब रिवर्स स्विंग की बात आती है, तो सरफराज नवाज, इमरान खान, वसीम अकरम और वकार यूनुस सबसे पहले याद आते हैं. यही ऐसी कला है, जिसके लिए लोग बेईमानी करते हैं और बॉल टेंपरिंग उसी का नतीजा है. बॉल टेंपरिंग की ही इसलिए जाती है, ताकि बॉल को रिवर्स स्विंग कराया जा सके. पाकिस्तानी क्रिकेटर इसे ‘बॉल तैयार करना’ कहते हैं.

इसके लिए एक समय में कोल्ड ड्रिंक के ढक्कन का इस्तेमाल किया जाता था. पूरी क्रिकेट दुनिया मानती थी कि पाकिस्तानी क्रिकेटर ऐसा करते थे. तमाम पाकिस्तानी क्रिकेटर आपसी बातचीत में इसे स्वीकार भी कर चुके हैं. पाकिस्तानी टीम लीगल तरीके से भी एक काम करती थी. इमरान खान की टीम में मुदस्सर नजर हुआ करते थे, जो बॉल थोड़ी पुरानी होने के बाद गेंदबाजी करने आते थे. मुदस्सर के हाथ बहुत मजबूत थे. मजाक में कहें, तो शोले के ठाकुर से भी ज्यादा. मुदस्सर नजर अपने 5-6 ओवर के स्पैल में गेंद के एक हिस्से को इस तरह दबाते थे कि थोड़ा रफ हो जाता था. चूंकि वो नाखून से खुरचकर ऐसा नहीं करते थे, इसलिए अंपायर इसे पकड़ नहीं पाते थे. बाकी तो तमाम क्रिकेटर ऐसे कामों में फंस चुके हैं. नाखून से लेकर जेली, वेसलीन, चीनी, ढक्कन और रेत तक तमाम चीजों का इस्तेमाल गेंद को रिवर्स स्विंग के लिए तैयार करने के लिए किया जाता था.

क्या है रिवर्स स्विंग का मतलब

एक है नॉर्मल स्विंग. सबसे पहले समझ लेना चाहिए कि गेंदबाज के हाथ से निकलने के बाद गेंद हवा में घूमती है. इसे स्विंग कहते हैं. दाएं हाथ या किसी भी बल्लेबाज के लिए अंदर आती गेंद इन स्विंग और बाहर जाती गेंद आउट स्विंग होती है. जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती है, स्विंग कम होती है. यही वक्त होता है, जब अगर गेंद को ठीक से रखा जाए, तो वो रिवर्स स्विंग होती है. इसके लिए जरूरी होता है कि गेंद का एक हिस्सा चमकदार रखा जाए और दूसरे हिस्से को रफ किया जाए. अगर गेंद सही तरह रखी जाए, तो जिस तरह नई गेंद को आउट स्विंग कराया जाता है, उस एक्शन में ही गेंद इन स्विंग होने लगती है.

जाहिर है, यह इतना आसान नहीं है. गेंदबाज की रफ्तार से लेकर कलाई की पोजीशन, सीम पोजीशन, बॉल रिलीज करते समय कोहनी, पांव और सिर की पोजीशन सहित तमाम बातें हैं, जिसे ध्यान रखना होता है. लेकिन मोटा-मोटा समझने के लिए गेंद के बारे में जानना जरूरी है, जो हमने आपको बताया.

कैसे कराते है रिवर्स स्विंग

मान लीजिए, आपको रिवर्स स्विंग करानी है, तो गेंद की पोजीशन लगभग वही होगी, जो आउटस्विंग के लिए होती है. यानी सीम पोजीशन स्लिप की तरफ होगा. रफ साइड यानी खराब वाला हिस्सा ऑफ साइड की तरफ होगा. गेंद का चमकीला हिस्सा ऑनसाइन की तरफ होगा. कलाई को एक खास एंगल पर गेंदबाज की तरफ रखना होगा. यहां भी गेंद को कैसे रिवर्स स्विंग के लिए तैयार किया जाता है, वो बेहद अहम है. लेकिन और भी बातें हैं, जिनका ध्यान रखना होगा. जैसे कलाई, सिर, पांव वगैरह. इसके साथ गेंदबाज की रफ्तार का भी ध्यान रखना होता है. ज्यादातर वो गेंदबाज रिवर्स स्विंग अच्छी तरह करा पाते हैं, जिनके पास रफ्तार अच्छी होती है.

कहा जाता है कि रिवर्स स्विंग की शुरुआत पाकिस्तान की घरेलू क्रिकेट में हुई. सलीम मीर को इसका श्रेय दिया जाता है. उन्हीं से सरफराज नवाज ने सीखा. फिर तो पाकिस्तान की पूरी पौध रिवर्स स्विंग सीखती गई. सब कॉन्टिनेंट की पिच में वैसे भी रिवर्स स्विंग बेहद अहम है, क्योंकि पिच सूखी होती हैं. यहां नई गेंद बहुत जल्दी अपनी चमक खो देती है. ऐसे में स्वाभाविक स्विंग चली जाती है. उसी के लिए रिवर्स स्विंग की कोशिश की गई. इसी कोशिश में कई बार कानूनी और कई बार गैर कानूनी तरीके से गेंद तैयार की जाती है. iगैर कानूनी तरीके से गेंद तैयार करने को ही बॉल टेंपरिंग कहते हैं. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने गलत तरीके से गेंद को ‘रफ’ करने की कोशिश की, जिसका नतीजा है कि क्रिकेट दुनिया में तूफान बरपा है.

SI News Today

Leave a Reply