रिश्तों की बर्फ भले ही ना पिघले, लेकिन पानी के बंटवारे पर भारत और पाकिस्तान आज बात करेंगे. स्थायी सिंधु जल आयोग की 113वीं बैठक इस्लामाबाद में शुरू होने जा रही है.
मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए रविवार को 10 सदस्यों का भारतीय दल इस्लामाबाद पहुंचा. इस टीम में सिंधु जल आयुक्त पीके सक्सेना, विदेश मंत्रालय के अधिकारी और तकनीकी जानकार शामिल हैं. बैठक से पहले पाकिस्तानी सरकार ने एक बयान जारी किया जिसमें आयोग की बैठक के लिए दल भेजने के भारत के फैसले का स्वागत किया गया और उम्मीद जताई गई कि दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे पर मतभेद कम होंगे.
बैठक का एजेंडा
दो दिनों की इस बैठक में पाकिस्तान पकल डुल, लोअर कलनई और मियार में बन रहे पनबिजली प्रोजेक्ट्स पर अपने ऐतराज उठाएगा. इसके अलावा पाकिस्तानी सरकार भारत से बाढ़ से जुड़ी जानकारी साझा करने की मांग भी कर सकती है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस्लामाबाद की ओर से ऐसे परियोजनाओं का दौरा करने की इजाजत भी मांगी जा सकती है जिनपर उसे ऐतराज है. दोनों पक्ष मौसम में बदलाव के चलते नदियों के बहाव में आ रहे परिवर्तन से निपटने के लिए सहयोग पर भी राजी हो सकते हैं.
स्थायी सिंधु जल आयोग की आखिरी बैठक मई 2015 में हुई थी. इसके बाद पाकिस्तान रतल और किशनगंगा परियोजनाओं पर अपने ऐतराज को वर्ल्ड बैंक लेकर गया था. उरी हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. हालांकि सिंधु जल समझौता दोनों देशों के बीच तमाम कशीदगी के बावजूद बरकरार है.