पाकिस्तान की सरजमीं में रहकर भारत में आतंक का साम्राज्य चला रहे हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैसैयद सलाहुद्दीन को पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया गया। ग्लोबल आतंकी घोषित होने के बाद आतंकी सलाहुद्दीन पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिया। सैयद सलाउद्दीन को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में देखा गया। बताया जा रहा है कि इस्लामाबाद में आतंकियों की एक रैली हुई थी, जिसमें सलाहुद्दीन समेत कई आतंकी शामिल हुए थे। यही नहीं इस दौरान आतंकी संगठन के सरगना को दूसरे आतंकी सरगना के द्वारा बंदूक भी भेंट की गई। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से ठीक पहले सलाहुद्दीन को आतंकी घोषित किया गया था।
टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी सैयद सलाहुद्दीन की तस्वीर सामने आई हैं। इन तस्वीरों में जमात-उद-दावा के कमांडर अब्दुल रहमान मक्की सलाहुद्दीन को एक गन देते हुए दिखाई दे रहा है। इसका वीडियो भी सामने आया है। अब्दुल रहमान मक्की आंतकी सरगना हाफिज सईद का साला है। ये बंदूक हाफिज सईद की तरफ से सलाहुद्दीन को तोहफे के तौर पर दी गई है। इंडिया टीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि यह बंदूक हाफिज सईद की तरफ से सलाहुद्दीन को हिंदुस्तान फतह करने और कश्मीर को आजाद कराने के लिए दी गई है। यह भी जानकारी सामने आई है कि इस रैली में पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) का नेता जफर अली शाह भी नजर आ रहा है।
बता दें कि जून महीने अमेरिका ने पाकिस्तान में पनाह पाए आतंक के आंका सैयद सलाहुद्दीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया था। जिसके बाद सलाहुद्दीन ने खुद को आतंकी घोषित किए जाने की निंदा करते हुए इसे मूर्खतापूर्ण करार दिया था। हिज्बुल सरगना ने कहा कि यह अमेरिकी दौरे पर गए भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को दिया गया तोहफा था। साथ ही उसने कहा था कि वह कश्मीर के मसले पर सशस्त्र संघर्ष को अपना समर्थन जारी रखेगा। वहीं, पाकिस्तान ने भी सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने को अन्यायपूर्ण कार्रवाई बताया था और कश्मीर में कथित आजादी की लड़ाई का समर्थन जारी रखने की बात भी कही थी