आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के सरगना अबु बक्र अल-बगदादी के मारे जाने की खबरों के बीच संगठन के भारत में अपनी पैठ बढ़ाने की पुरजोर कोशिश किए जाने की खबरें आ रही हैं। आईएस का गढ़ माना जाना वाला शहर मोसुल अब इराकी सेना के कब्जे में है। खबरों के अनुसार भारत के जम्मू-कश्मीर में आईएस ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। रिपोर्ट के अनुसार आईएस की कश्मीर इकाई “अंसारुल खलीफा जम्मू कश्मीर” सोशल मैसेजिंग सर्विस टेलीग्राम के जरिए कश्मीरी युवाओं में जिहादी प्रोपगैंडा कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार टेलीग्राफ के ग्रुप में आईएस के आतंकी युवाओं को हथियारों को चलाने और विस्फोटकों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार टेलीग्राम पर ये ग्रुप दो जून को बनाया गया था। इसमें 100 से ज्यादा लोग सदस्य हैं। ग्रुप में एक-47 और रॉकेट लॉन्चर इस्तेमाल करने के बारे में भी बताया जाता है। ग्रुप में आत्मघाती हमलों और कार बम बनाने के बारे में भी जानकारी दी जाती है। ग्रुप में दुनिया भर के आतंकवादी हमलों के वीडियो फूटेज शेयर किए जाते हैं। वीडियो में नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का वीडियो भी शेयर किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार आईएस के टेलीग्राम ग्रुप में हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों और अफसरों से “मुसलमानों और इस्लाम के दुश्मनों” के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने की अपील की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार पांच जुलाई को एक वीडियो मैसेज में आईएस के एक समर्थक ने बताया था कि वो घाटी में किस तरह आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। सोमवार (17 जुलाई) को ग्रुप में हिन्दी में एक मैसेज शेयर किया गया। इस मैसेज में कहा गया कि बड़े ट्रक की मदद से फ्रांस के नीस और जर्मनी के बर्लिन जैसे आतंकी हमले करना संभव है।
पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू-कश्मीर में मारे गए कुछ आतंकियों के शव को इस्लामिक स्टेट के काले झंडे के साथ दफन करने की भी खबरें आई हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें एक आंतकवादी के परिवार वाले उसके शव से पाकिस्तानी झंडा हटाकर उस पर इस्लामिक स्टेट का झंडा ओढ़ा रहे हैं। हाल ही में बुरहान वानी की जगह दक्षिण कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बना जाकिर मूसा भी इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मूसा ने 200 नौजवानो को संगठन में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। मूसा भी सोशल मैसेजिंग ऐप का प्रयोग करता है।
भारतीय सुक्षा एजेंसियों के अनुसार अभी तक कश्मीर में इस्लामिक स्टेट का प्रभाव न के बराबर रहा है लेकिन कश्मीर में दुनिया भर के इस्लामी कट्टरपंथियों की रुचि पुरानी है। पिछले साल अक्टूबर में केरल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने केरल में छह लोगों को “अंसारुल खिलाफा केरल” के लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। केरल का ये समूह भी आपस में बातचीत के लिए टेलीग्रीम का इस्तेमाल करता था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईएस के केरल मॉड्यूल का सरगना मनसीद उर्फ उमर अल-हिन्दी इंटरनेट में आंतकवादियों के संपर्क में आने के बाद आईएस में शामिल हुआ था।