पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार (11 अप्रैल) को कहा कि कुलभूषण जाधव के पास 60 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार है तथा उन्होंने इस भारतीय नागरिक को सुनाई गई मौत की सजा को उचित ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले तीन महीनों से जाधव का ट्रायल चल रहा है। सैन्य फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिए आतंकवाद एवं जासूसी के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर सेना अधिनियम के तहत जाधव (46) को मौत की सजा सुनाई गई है। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौत की सजा की पुष्टि की है।
आसिफ ने सीनेट में कहा कि जाधव के पास मौत की सजा के खिलाफ 60 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार है। उन्होंने भारत की इस चिंता को खारिज कर दिया कि जाधव के खिलाफ सुनवाई में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘कानूनी कार्यवाही में ऐसा कुछ नहीं था जो कानून के खिलाफ हो।’’
उन्होंने पूर्वनियोजित हत्या के आरोपों को भी खरिज करते हुए कहा, ‘‘यह पूर्वनियोजित हत्या नहीं है। जो कश्मीर में हो रहा है वो पूर्वनियोजित हत्या है।’’ आसिफ ने कहा कि जाधव के खिलाफ सुनवाई तीन महीने तक चली। उन्होंने कहा कि जो लोग पाकिस्तान की सुरक्षा के खिलाफ काम करते हैं उनके साथ सख्ती से पेश आया जाएगा। मंत्री ने कहा, ‘‘दुश्मन चाहे सीमा के पार से आए या पाकिस्तान के भीतर हो, उसे सजा मिलेगी।’’
क्या है मामला: पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नेवी के पूर्व ऑफिसर कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। पाकिस्तान का आरोप है कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान में जासूसी कर रहा था और पाकिस्तान के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।