भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वो इस स्थिति में नहीं है कि जाधव के मामले पर टिप्पणी कर सके। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दोनों देशों को इस मामल में आपस में बात करने की जरूरत है। भारत सरकार ने कहा है कि जाधव भारतीय जासूस नहीं हैं और सरकार उनका मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत में उठाने के विकल्पों के बारे में विचार कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गायटेरस के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा, “हम पूरी प्रक्रिया का मुल्यांकन करने की स्थिति में नहीं हैं ताकि इस मामले (जाधव के) पर फैसला कर सकें।” दुजारिक दैनिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तानी सैन्य कोर्ट द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। दुजारिक ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के संबंधों के बारे में हमारा मानना है कि दोनों देशों को परस्पर सहयोग और बातचीत से हल निकालना चाहिए।”
भारत ने जाधव की फांसी की खबर पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो भारत सरकार और यहां की जनता इसे सोची-समझी हत्या मानेगी। भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा कि भारत सरकार जाधव को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। भारत सरकार जाधव के लिए पाकिस्तान में वकील की व्यवस्था करने के विकल्प तलाश रही है।