पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ पाकिस्तान की एक अदालत ने आज (26 अक्टूबर) अरेस्ट वारंट जारी किया है। यह गिरफ्तारी वारंट पनामा पेपर लीक से जुड़े करप्शन के दो मामलों में जारी किया गया है। फिलहाल शरीफ लंदन में हैं, जहां उनकी पत्नी कलसुम का कैंसर का इलाज चल रहा है। इस महीने के शुरूआती दिनों में भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद से शरीफ पाकिस्तान अभी तक नहीं लौटे हैं।
बचाव पक्ष के वकील जफीर खान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, “जवाबदेही अदालत ने कथित भ्रष्टाचार के दो मामलों में पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है और मामले की सुनवाई 3 नवंबर तक स्थगित कर दी है।” बता दें कि इस साल जुलाई के आखिर में पनामा पेपर लीक मामले में नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया था और प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। उनपर और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार करने और अवैध संपत्ति अर्जित करने का दोष सिद्ध हुआ है। पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में 15वें प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही सर्वोच्च अदालत ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया था।
यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त धनशोधन के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे। शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ था। इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है। इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं।
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) को आदेश दिया था कि वह नवाज शरीफ, उनके बेटों हुसैन एवं हसन शरीफ और बेटी मरियम के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई करे। उसने यह भी आदेश दिया कि छह हफ्ते के भीतर मामला दर्ज किया जाए और छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए। गौरतलब है कि 1993 में भ्रष्टाचार के आरोपों पर नवाज शरीफ को प्रधान मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल से बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि 1999 में दूसरे कार्यकाल में परवेज मुशर्रफ ने शरीफ को बर्खास्त करते हुए देश में मिलिट्री रूल लागू कर दिया था और खुद राष्ट्रपति बन गए थे। दूसरे कार्यकाल के बाद शरीफ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।