एटी एंड टी, वेरिजोन और कई अन्य बड़े विज्ञापनदाता गूगल की यूट्यूब साइट पर अपने मार्केटिंग अभियान को निलंबित कर रहे हैं। विज्ञापनदाता इस बात से परेशान हैं कि यूट्यूब पर उनके ब्रांड को आतंकवाद और अन्य घृणित विषयों पर वीडियो के साथ दिखाया जा रहा है। इस व्यापक बहिष्कार से गूगल के सामने अरबों डॉलर के नुकसान का खतरा पैदा हो सकता है। यूट्यूब की लोकप्रियता इसके बड़े और उदार लाइब्रेरी संग्रह के कारण है। जिसमें टीवी क्लिप्स से लेकर समलैंगिकों पर लोगों की कठोर समालोचना तक शामिल है। यूट्यूब पर विविध चयन प्रक्रिया वीडियो के आगे विज्ञापन को दिखाने की अनुमति देती है जो मार्केटर को अप्रिय लगती है। गूगल के इसे रोकने के प्रयास के बावजूद भी ऐसा हो रहा है।
दरअसल गूगल यूट्यूब वीडियो में विज्ञापन डालने के लिए ओटोमेटेड प्रोग्राम पर निर्भर है क्योंकि इस काम को इंसानों के जरिए नहीं संभाला जा सकता। यूट्यूब पर हर मिनट 400 घंटे के वीडियो पोस्ट होते है। इस सप्ताह की शुरुआत में ही गूगल ने घृणित, अक्रामक और अपमानजनक विज्ञापन पर रोक लगाने के प्रयास की प्रतिबद्धता जताई थी। गूगल के प्रमुख बिजनेस अधिकारी फिलिप शिंडलेयर ने मंगलवार को एक पोस्ट में लिखा था ‘‘हम जानते हैं कि यह उन विज्ञापनदाताओं और एजेंसियों को अस्वीकार है जो हम पर विश्वास करते हैं।’’
बता दें यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करके आप कमाई कर सकते हैं। यूट्यूब पर कमाई करने के दो तरीके हैं- पहला कि आपके अपलोड किए गए वीडियो पर दिखने वाले विज्ञापन को क्लिक करें या फिर 30 सेकंड से ज्यादा तक देखें। आपके वीडियो पर दिखने वाले विज्ञापन पर क्लिक करने से आपको 0.50 $ से 5 $ की कमाई होती है। वहीं अगर 30 सेकंड से ज्यादा वीडियो को 1000 से ज्यादा लोग देखते हैं तो आपको 1$ से $5 की कमाई होती है।
यूट्यूब से कमाई करने के लिए कई लोग गाने, डांस आदि के वीडियो अपलोड करते हैं। कई बार जब कोई वीडियो वायरल हो जाता है तो अपलोड करने वाले को लाखों की कमाई होती है। बड़े विज्ञापनदाता का गूगल के यूट्यूब से दूर जाना गूगल खतरे की घंटी है। बताया जाता है कि यूट्यूब पर हर मिनट 400 घंटे के वीडियो पोस्ट होते है।