अल-कायदा के एक प्रमुख नेता अनवर अल-अवाल्की को हजारों डॉलर भेजने के मामले में गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक को सोमवार को (10 जुलाई) आतंकवादियों का समर्थन करने और एक अमेरिकी जज की हत्या की साजिश रचने का दोषी पाया गया है। 39 साल का फारुख मोहम्मद भारतीय है। वह अपने भाई के साथ आहियो में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गया था, लेकिन जिहादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए उसने एक छोटे से सेल का गठन कर लिया। फारुख और उसका भाई इब्राहिम मोहम्मद और दो अमेरिकी नागरिक- आसिफ अहमद सलीम और सुल्तान रूम सलीम भी फारूख के साथ शामिल हैं। ये दोनों भाई भी अमेरिकी नागरिक हैं। यह अनवर के लिए फंड जुटाते थे। यूएस में जन्मे इमाम की यमन में 2011 में हुए ड्रोन हमलों के दौरान मौत हो गई थी। अल-कायदा की यमन ब्रांच में हजारों लोगों को जिहादी बनाने का क्रेडिट अनवर को जाता है।
फारूख मोहम्मद जुलाई 2009 में यमन गया था। उसने एक कूरियर के जरिए अल कायदा को 22,000 अमेरिकी डॉलर भी भेजे थे। न तो फारूख ने और न ही उसके ग्रुप के किसी और मेंबर ने अवाल्की से मुलाकात की थी। यह चारो 2015 में आतंकियो को सामग्री पहुंचाते वक्त गिरफ्तार कर लिए गए थे। एक साल बाद फारूख पर अमेरिका के जिला न्यायाधीश जैक जौहरी का अपहरण कर उन्हें मारने के लिए एक एफबीआई एजेंट को 15,000 अमेरिकी डॉलर की पेशकश करने का आरोप लगाया गया था।
इन दो मामलों में फारूख को 17 साल और 6 महीने की सजा सुनाए जाने की उम्मीद है। तीन और अन्य मामलों में अभी उसे दोषी नहीं ठहराया गया है। कोर्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक अनवर को साल 2010 में वैश्विक आतंकी घोषित किया गया था। उसकी पहचान अरेबियाई प्रायद्वीप में अल-कायदा के प्रमुख नेता के तौर पर की गई थी।