अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से अलग कर लिया। इस तरह ग्लोबल वार्मिंग से मुकाबले में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों से अमेरिका अलग हो गया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में कहा, हमारे नागरिकों के संरक्षण के अपने गंभीर कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हट जाएगा…हम उससे हट रहे हैं और फिर से बातचीत शुरू करेंगे। ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते में अमेरिकी हितों के लिए एक उचित समझौता हो।
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की भी प्रतिक्रिया आई है। बराक ओबामा ने पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से अमेरिका को अलग करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की निन्दा की है । उन्होंने एक बयान में ट्रंप की आलोचना करते हुए आगाह किया कि समझौते का पालन न कर अमेरिका भविष्य की पीढ़ियों के भविष्य को खारिज करेगा । ट्रंप ने आज अमेरिका को पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से अलग कर लिया ।
आपको बता दें कि जब ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था चो उन्होंने हर अमेरिकी से वादा किया था। ट्रंप ने कहा था कि वह अपने अमेरिकन वर्कर्स फर्स्ट के वादे को पूरा कर रहे हैं और इससे बेहतर डील की अपेक्षा रखते हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया था जिसका उद्देश्य पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के जलवायु परिवर्तन से जुड़ी नीतियों को बदलना है। व्हाइट हाउस प्रवक्ता सीन स्पाइस ने सोमवार को बताया, राष्ट्रपति ट्रंप देश की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत घरेलू ऊर्जा संसाधनों के उपयोग को सीमित करने वाले अनावश्यक नियामक अड़चनों को दूर किया जाएगा। कार्यकारी आदेश के मुताबिक, “यह आदेश आर्थिक विकास और रोजगारों के सृजन को बढ़ावा देने की दिशा में ऊर्जा और बिजली को किफायती और स्वच्छ रखने में मदद करेगा।”
अमेरिका की पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी के प्रशासक स्कॉट प्रुइट ने कहा था कि कार्यकारी आदेश ओबामा प्रशासन द्वारा बिजली संयंत्रों से कार्बन प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम ‘क्लीन पावर प्लान’ को खत्म करेगा। ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन को धोखा करार दिया और पेरिस समझौते से अमेरिका के निकलने की चेतावनी भी दी थी।
पेरिस समझौता पिछले साल लागू हुआ था।