बिहार में आयोजित इंटरनेशनल बुद्धिस्ट सेमिनार में दलाई लामा को बुलाए जाने से चीन नाराज़ हो गया है. चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में ‘बाधा’ से बचने के लिए उसकी ‘मुख्य चिंताओं’ के खिलाफ कदम नहीं उठाए. बता दें कि बीते 17 मार्च को बिहार के राजगीर में आयोजित सेमिनार में 81 वर्षीय दलाई लामा शामिल हुए थे.
चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंगा ने पत्रकारों से कहा कि भारत ने चीन के कड़े विरोध और आपत्ति को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए बौद्ध धर्म पर आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार में 14वें दलाई लामा को बुलाया. चीन इससे पूरी तरह निराश है और इसका सख्त विरोध करता है.’
उन्होंने कहा, “हम भारत से अनुरोध करते हैं कि वह दलाई लामा समूह के चीन विरोधी अलगाववादी स्वभाव को देखे और तिब्बत व इससे जुड़े सवालों पर अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करे. वो चीन की मुख्य चिंताओं का सम्मान करने के साथ ही चीन-भारत संबंधों को आगे बाधित और कमजोर करने से बचे.”
’21वीं शताब्दी में बौद्ध धर्म’ नाम का यह सेमिनार पटना से 100 किमी दूर राजगीर में आयोजित किया गया था.
अरुणाचल प्रदेश में दलाई लामा के जाने पर भी भड़का था चीन
बता दें कि इससे पहले भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश में दलाई लामा को जाने की परमिशन देने पर भी चीन भड़क गया था.
चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री स्पोक्सपर्सन गेंग शुआंग ने आपत्ति जताते हुए कहा था, “चीन-भारत बॉर्डर के पूर्वी हिस्से पर चल रहे विवाद को लेकर चीन का रुख साफ है. दलाई लामा लंबे समय से चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और विवादित बॉर्डर के नजदीक उनकी मौजूदगी सही नहीं है.”