पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा र्जीजेएमी के आह्वान पर सरकारी कार्यालयों का बंद आज सुबह आरंभ हुआ। इस बीच आगजनी में शामिल होने के मामले में जीजेएम के आठ संदिग्ध कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। दार्जिलिंग में कड़ी सुरक्षा के बीच बंद आरंभ हुआ। इसके मद्देनजर सड़कें सुनसान रहीं। हालांकि बंद से होटलों और परिवहन को छूट दी गई थी, कई होटल बंद रहे और सड़कों पर बहुत कम वाहन दिखाई दिए। यहां से टॉय ट्रेन भी नहीं चली।
इस बंद में स्कूलों एवं कॉलेजों को भी शामिल नहीं किया गया है। अधिकतर भोजनालय, दुकानें, बाजार और निजी कार्यालय बंद रहे और पहाड़यों पर जीजेएम पार्टी के झंडे फहराते दिखाई दिए। राज्य पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बीजनबाड़ी ब्लॉक के फूलबाजार स्थित बीडीओ कार्यालय में आग लगाने की कोशिश करने के संबंध में जीऐएम से कथित रूप से जुड़े करीब आठ लोगों को आज सुबह हिरासत में लिया गया।
उन्होंने कह, अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई और सतर्क प्रशासन ने हर प्रकार की अप्रिय घटना से बचने में हमारी मदद की। करीब आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि 8 जून को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गुरुवार (8 जून) को सेना बुलानी पड़ गई। पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में ये हालत तब पैदा हो गई जब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के आंदोलनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा, आंदोलन को रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करने वाले पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया। जीजेएम के आंदोलनकारियों ने पुलिस के खिलाफ बोतलों और पत्थरों से हमला कर दिया। हजारों आंदोलनकारियों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन को सेना बुलानी पड़ गई। यह हिंसा भानु भवन के पास भड़की, जहां जीजेएम के समर्थकों ने गोरखाओं के लिए एक अलग राज्य की मांग के लिए दबाव बनाने हेतु रैली का आयोजन किया था। खास बात ये है कि जहां ये हिंसा भड़की वहां से मात्र 500 मीटर की दूर पर सीएम ममता बनर्जी अपने दो दर्जन मंत्रियों के साथ कैबिनेट मीटिंग कर रहीं थी। ममता बनर्जी ने 45 साल के बाद दार्जिलिंग में पहली बार कैबिनेट की बैठक की है।