पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हिजबुल मुजाहिदीन के खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी की मौत का एक साल पूरा होने पर शनिवार (8 जुलाई) को उसे श्रद्धांजलि दी। उस मौके पर नवाज ने कहा कि उसकी मौत ने कश्मीर घाटी में ‘‘आजादी के संघर्ष के लिए नया जोश भरा।’’ शरीफ ने अपने संदेश में कहा, ‘‘भारत निर्मम बल के जरिए लोगों की आवाज को नहीं दबा सकता।’’ वानी कश्मीर में सुरक्षा बलों पर कई हमलों के लिए जिम्मेदार था।
शरीफ ने कहा, ‘‘बुरहान मुजफ्फर वानी के खून ने स्वतंत्रता आंदोलन में नया जोश भरा। कश्मीरी लोग अपने आंदोलन को तर्कसंगत निष्कर्ष पर ले जाने के लिए दृढ़ हैं।’’इस बीच पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी वानी की प्रशंसा की।
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने जनरल बाजवा के हवाले से ट्वीट किया,‘‘ भारतीय ज्यादतियों के खिलाफ बुरहान वानी एवं पीढ़ियों का बलिदान उनके संकल्प का गवाह है।’’ इसपर भारत की तरफ से विरोध भी जताया गया और खरी-खोटी भी सुनाई गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसपर ट्वीट भी किया था। गोपाल बाघले ने कहा था कि पाकिस्तान की इस हरकत का सबको विरोध करना चाहिए।
बुरहान वानी की बरसी पर कश्मीर में फिर से हालात बिगड़ने की आशंका थी। इसके चलते वहां कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। अमरनाथ यात्रा पर भी इसका प्रभाव पड़ा।
बुहरान वानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ था। उसे पिछले साल 8 जुलाई को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। बुहरान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में तनाव बढ़ गया था। पिछले एक साल से लगातार हिंसा की खबर आ रही हैं। पत्थर बाजी के मामले भी बढ़ गए हैं। कुछ लोगों ने बुरहान वानी को कश्मीर का ऑइकन भी बताया था।