पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अलग-अलग प्रतिबंधित संगठनों के 434 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। संकटग्रस्त प्रांत में सुरक्षा प्रतिष्ठानों और कर्मियों पर कथित रूप से हमला करने वाले बलूच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए), बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अन्य अलगाववादी समूहों के आतंकवादियों ने शुक्रवार को यहां प्राधिकारियों को अपने हथियार सौंप दिए। दक्षिणी कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर रियाज ने कहा कि जो सामान्य जीवन जीना चाहते हैं वे आत्मसमर्पण कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जो व्यक्ति हथियार छोड़ना चाहता है, उसका स्वागत किया जाएगा।’’
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सनाउल्लाह जेहरी ने आरोप लगाया कि विदेशी एजेंसियों ने लंबे समय से प्रांत के निर्दोष लोगों को गुमराह करके और भड़काकर उनका इस्तेमाल किया है। बीएलए के कमांडर शेर मोहम्मद ने कहा कि ‘‘पाकिस्तान विरोधी’’ तत्वों ने उन्हें धोखा दिया। एक वरिष्ठ प्रांतीय अधिकारी ने कहा कि अभी तक 1500 से अधिक आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। पाकिस्तान का कहना है कि बलूचिस्तान में अफगानिस्तान एवं ईरान के साथ लगती उसकी सीमाओं का इस्तेमाल देश में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के मकसद से लोगों को भड़काने एवं प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है।
आपको बता दें कि 10 अप्रैल को उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिला स्थित केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर सेना ने 4 घुसपैठियों को ढेर कर दिया था। ये आतंकी केरन में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया था। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया था कि आतंकवादियों का एक समूह केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहा था लेकिन सुरक्षा बलों ने उनकी कोशिश नाकाम कर दी थी। प्रवक्ता ने बताया था कि इसके बाद दोनों ओर से हुई गोलीबारी में चार आतंकवादी मारे गये थे।
वहीं 15 अप्रैल को अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने सबसे बड़े गैर परमाणु बम से हमला किया था, जिसमें कम से कम 36 आतंकवादी मारे गए। हमले में इस्लामिक स्टेट समूह का गहरा सुरंग परिसर तबाह हो गया था। अफगान अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की थी। अधिकारियों ने इसमें किसी नागरिक के हताहत होने से इनकार किया था। रक्षा मंत्रालय ने पूर्वी अफगानिस्तान में गुरुवार को हुए हमले के संबंध में कहा था, “बम हमले के परिणामस्वरूप IS (आईएस) ठिकाने और सुरंग परिसर नष्ट हो गया था और आईएस के 36 आतंकवादी मारे गए थे।