भारतीय सैनिकों के शवों से की गई बर्बरता और पाकिस्तानी सेना के इसमें शामिल होने के मुद्दे पर बोलते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने देश के लोगों से भारतीय सेना पर भरोसा रखने की बात कही है। कैबिनेट मीटिंग के बाद बोलते हुए जेटली ने कहा, “आप अपनी फौज पर भरोसा रखिए।” जवानों के शवों के क्षत-विक्षत करने की पाक की घिनौनी हरकत पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने यह जवाब दिया। पाकिस्तान द्वारा इस घटना में शामिल ना होने की बात को नकारते हुए जेटली ने कहा, “पाकिस्तान के इंकार में कोई विश्वसनीयता नहीं है। हालात बताते हैं कि हमारे सैनिकों को मारना और फिर शवों से बर्बरता करना पाकिस्तान सेना की शह और भागीदारी के बिना संभव नहीं था। हमला करने वालों को कवर फायरिंग दी गई। ये शामिल हुए बिना नहीं हो सकता था।”
इससे पहले, भारत ने बुधवार को ही पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और दो भारतीय सैनिकों को मार कर उनका सर काटने की घटना में पाकिस्तानी सेना की संलिप्त्ता के बारे में ‘पर्याप्त सबूत’ दिए। भारत ने एक मई को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कृष्णा घाटी सेक्टर में हुए ‘‘क्रूर कृत्य’’ को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों द्वारा एक मई 2017 को दो भारतीयों को मारने और उनके शव क्षतविक्षत करने पर भारत की नाराजगी जाहिर करने के लिए बासित को तलब किया। भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि सैनिकों को मारना उकसावे की कार्रवाई है और सभ्य आचरण के सभी मानदंडों के विपरीत है।
भारत के पास पर्याप्त सबूत:
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, “हमें यकीन है कि ये पाकिस्तान आर्मी के ही लोग थे। हमारे सिपाहियों के खून के नमूने और जमीन पर मिली खून की निशानदेही है उससे पता लगता है कि बर्बरता करने वाले पाकिस्तान से ही आए थे।” उन्होंने बताया कि घटनास्थल से एकत्र किए गए रक्त के नमूने दोनों भारतीय सुरक्षा कर्मियों के रक्त से मिल गए। उन्होंने आगे बताया कि बिखरे हुए खून के निशानों का पीछा करने पर पता चला कि हमलावर पाक अधिकृत कश्मीर से भारतीय हिस्से में आए और हमले को अंजाम दे कर वापस लौट गए।