न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की सदस्यता को लेकर अभी भी चीन रोड़ा अटकाए हुए है। वहीं कुछ देश भारत के समर्थन में नजर आ रहे है, जो पहले विरोध में थे। लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चीन अभी भी इसका विरोध कर रहा है।
एनएसजी के सलाहकार ग्रुप की बैठक के बाद इस बात के संकेत मिले हैं, जिसमें भारत की सदस्यता को लेकर विचार किया गया है। भारत के लगातार कड़े प्रयासों के कारण एनएसजी में सदस्यता की उम्मीदें बरकरार है।
बता दें कि एनएसजी परामर्श समूह की बैठक में जर्मनी ने भारत को अपना समर्थन दिया है। वहीं पिछले दिनों अमेरिका ने फिर से भारत की सदस्या का समर्थन दोहराया था।
गौरतलब है कि भारत इस 48 सदस्यीय एनएसजी समूह में शामिल होने की पुरजोर कोशिश कर रहा है, वहीं चीन नॉन-एनपीटी मेंबर्स को इस समूह में शामिल करने के खिलाफ है।
चीन का मानना है कि एनपीटी पर हस्ताक्षर किए बगैर किसी भी देश को एनएसजी की सदस्यता नहीं मिलनी चाहिए। मालूम हो कि भारत ने एनपीटी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है।