दक्षिण कोरिया की सस्पेंड राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत के एक प्रवक्ता ने बताया कि पार्क को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरूपयोग मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसी मामले की वजह से पार्क को राष्ट्रपति पद से भी बर्खास्त किया गया था। सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने रिश्वत लेने, अधिकारों का दुरूपयोग करने, बलप्रयोग और गोपनीय सरकारी जानकारियां लीक करने के आरोप में पार्क के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कल उनके मामले की सुनवाई हुई थी। आपको बता दें कि अगर पार्क ग्युन हे पर यह आरोप न लगे होते त उनका पांच साल का कार्यकाल फरवरी 2018 में खत्म होना था।
पार्क ग्यून के खिलाफ हाई पर बहुमत से 21 दिसंबर 2016 को महाभियोग प्रस्ताव पास कर दिया। इसके साथ ही पार्क की सारी शक्तियां छीन ली गई थीं और तभी से अपदस्थ थीं। उनकी जगह अब प्रधानमंत्री देश के मुखिया होंगे और वे ही राष्ट्रपति का काम भी देखेंगे। हालांकि वे अपना टाइटल बनाए रखेंगी। संवैधानिक कोर्ट के पास पार्क के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर कार्रवाई करने के लिए छह महीने का समय था। उनके खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव के पक्ष में 234 सांसदों ने वोट डाला था। महाभियोग चलाने के लिए दो-तिहाई मतों की जरूरत होती है। 300 सदस्यीय संसद में 56 सांसदों ने पार्क के पक्ष में वोट किया। पार्क को हटाने को लेकर देशभर में प्रदर्शन भी हुए। पार्क पर भष्ट्राचार के कई आरोप हैं। इसके चलते हाल के दिनों में उनकी प्रशासन पर पकड़ भी कमजोर हुई।
पार्क दक्षिण कोरिया की ऐसी पहली राष्ट्रपति बन गईं जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। वे सैन्य शासक पार्क चुंग ही की बेटी हैं। उनके पिता ने 1960 और 1970 में दक्षिण कोरिया पर शासन किया था। प्रस्ताव में पार्क पर संवैधानिक और आपराधिक उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है जिसमें लोगों के जीवन को बचाने में उनकी नाकामी से लेकर रिश्वत और सत्ता का दुरुपयोग के आरोप भी शामिल हैं। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गियून के दफ्तर से भारी मात्रा में वियाग्रा की गोलियां बरामद की गई थीं। वियाग्रा का इस्तेमाल पुरुषों की उत्तेजना बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। हालांकि, सरकार ने इसकी सफाई देते हुए कहा है कि ऊंचाई से होने वाली बीमारी से बचाव के लिए ये वियाग्रा खरीदी गई थीं।