5,510 Crore will receive soon from Japanese Bank for bullet train.
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मुंबई और अहमदाबाद के बीच देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट के लिए जापान के डिवलपमेंट बैंक से लोन की पहली किस्त के रूप में साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये मिलने का रास्ता एकदम साफ हो गया है। अब उम्मीद की जा रही है कि अगले साल की शुरुआत से बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट का निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ सकेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए जापान और भारत में हुई सहमति के पश्चात अब यह तय है कि जरूरत के अनुसार हर छह महीने में जाइका से लोन की रकम का कुछ हिस्सा लिया जा सकेगा।
बता दे कि जापान एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये के इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 88 हजार करोड़ रुपये का लोन देने पर अपनी सहमति दे चुका था। पर अब बुलेट ट्रेन के लिए इस 88 हजार करोड़ रुपये में से रेलवे जरूरत के अनुसार लोन की रकम लेता रहेगा। पहली किस्त के रूप में जाइका लगभग 5,591 करोड़ रुपये दे रहा है।
Japan International Cooperation Agency (JICA) signed an agreement with Govt of India to provide an Official Development Assistance (ODA) loan of 89,547 million Japanese Yen (approx. INR 5,500 Crore) as Tranche 1 on the ‘Project for the Mumbai-Ahmedabad High-Speed Rail (MAHSR)’. pic.twitter.com/qssoD5mUAI
— ANI (@ANI) September 28, 2018
रेलवे सूत्रों द्वारा पता चला है कि पहली किस्त के अग्रीमेंट पर शुक्रवार शाम को वित्त मंत्रालय में जाइका के भारत में प्रमुख प्रतिनिधि कातसू मतसूमा और वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के अलावा सचिव सी. एस. महापात्रा के बीच हस्ताक्षर किए गए। अब यह रकम जापान से वित्त मंत्रालय के पास आएगी और वहां से रेलवे के जरिए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट तैयार करने वाली कंपनी नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन को मिलेगी। इतना ही नही कॉर्पोरेशन के सूत्रों द्वारा पता चला है कि इस समय भारत में 100 येन की भारतीय मुद्रा में कीमत 62.50 रुपये है। और इस किस्त के आने के पश्चात अब उन अटकलों पर भी रोक लग गई है, जिसमें आशंका जताई जा रही थी कि भूमि अधिग्रहण में आ रही अड़चनों के कारण से जापान लोन देने में आनाकानी कर रहा है। कॉर्पोरेशन सूत्रों ने बताया कि आमतौर पर किसी भी प्रॉजेक्ट में सभी अग्रीमेंट होने के पश्चात ही जापान लोन देता है। पर बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट के मामले में उसने प्रॉजेक्ट के शिलान्यास होने के समय ही लगभग 10 मिलियन येन ग्रांट के तौर पर अडवांस में दे दिए थे। और अब उसी रकम को इसी लोन में मिलाया जाएगा।
वहीं इस पर रेलवे अफसरों का कहना है कि यह भी तय हुआ है कि बुलेट ट्रेन के लिए अब छह माह बाद लोन की अगली किस्त ली जाएगी। बता दे कि ऐसा सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जब भी लोन की किस्त ली जाती है, उसी दिन से उसके ब्याज की गणना भी शुरू हो जाती है। इसलिए पूरा लोन एक ही समय में नहीं लिया जाता। इस मामले में लोन की राशि चुकाने के लिए 15 वर्ष का कूलिंग पीरियड दिया गया है। इसका मतलब ये है कि यदि पहली किस्त के रूप में 28 सितंबर 2018 को लोन लिया गया है तो अब इस 5,591 करोड़ रुपये की वापसी की पहली किस्त सितंबर 2033 से शुरू होगी। इसी प्रकार से जब अगली किस्त ली जाएगी तो उस तारीख से 15 वर्ष बाद लोन की उस राशि की किस्त चुकाना शुरू हो जाएगा।