इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत-इस्राइल संबंधों को ‘स्वर्ग में बनी जोड़ी’ जैसा करार देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में यरूशलम मुद्दे पर भारत द्वारा इजरायल के खिलाफ मतदान किए जाने से उनके देश को ‘निराशा’ हुई लेकिन इससे दोनों देशों के संबंधों पर फर्क नहीं पड़ेगा। नेतन्याहू ने कहा कि उनको आशा है कि उनकी भारत यात्रा से प्रौद्योगिकी, कृषि और विश्व में परिवर्तन ला रहे अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे। उन्होंने ‘इंडिया टुडे’ से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हां, स्वाभाविक तौर पर हम निराश हुए, लेकिन यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि हमारे रिश्ते कई मोर्चों पर आगे बढ़ रहे हैं।’’ इजरायल प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि एक वोट सामान्य प्रवृत्ति को प्रभावित कर सकता है। आप कई अन्य मतदान और इन यात्राओं को देख सकते हैं।’’ पिछले महीने भारत उन 127 देशों में शामिल था, जिन्होंने यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाये गए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘सबसे पहले तो दोनों देशों, उनके लोगों और नेताओं के बीच का संबंध विशेष है। भारत और इजरायल की साझेदारी स्वर्ग में बनी जोड़ी है जो धरती पर साकार हुई।’’ नरेंद्र मोदी को ‘महान नेता’ बताते हुए नेतन्याहू ने कहा कि उनके भारतीय समकक्ष ‘अपने लोगों के भविष्य के लिए उत्सुक हैं।’’
मोदी ने रविवार रात यहां अपने सात, लोककल्याण मार्ग आवास पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा के लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘श्रीमती नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नेतन्याहू का सात, लोककल्याण मार्ग पर स्वागत करते हुए आनंदित हूं।’’
इससे पहले दिन में, मोदी ने प्रोटोकॉल से हटकर हवाईअड्डे पर नेतन्याहू की अगवानी की। उन्होंने नेतन्याहू के आगमन पर गले मिलकर उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं ने तीन मूर्ति चौक का नाम इस्राइल के शहर हैफा के नाम पर तीन मूर्ति हैफा चौक किये जाने के समारोह में भी शिरकत की। मोदी और नेतन्याहू के बीच गर्मजोशी भरा संबंध माना जाता है।