Thursday, November 21, 2024
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RBI के फैसले के बाद बिटकॉइन की कीमत हो जाएगी ‘0’

SI News Today

Bitcoin will be priced “0”after ‘RBI decision’

         

बिटकॉइन एक virtual करेंसी है। भौतिक मुद्रा का कोई जारीकर्ता होता और जारीकर्ता/कोई केंद्रीय बैंक उसकी गारंटी भी लेता है। भारतीय रुपयों के ऊपर रिजर्व बैंक का वचन लिखा होता है कि मैं धारक को इतने रुपए देने का वचन देता हूं, ऐसी कोई गारंटी बिटकॉइन के साथ नहीं जुड़ी हुई है, यानी बिटकॉइन करेंसी नहीं है। दरअसल ये Technology द्वारा उपजा ऐसा उत्पाद है, जिसे लेकर तरह-तरह की गलतफहमियां हो गयी हैं। सबसे बड़ी गलतफहमी यह कि इसके भाव लगातार ऊपर जाएंगे, और हमेशा ऊपर ही जाएंगे।

कीमत चाहे सब्ज़ी की हो या शेयर का या बिटकॉइन की, मूल अर्थशास्त्र एक ही होता है- मांग ज्यादा होती है, तो आपूर्ति कम होती है। यदि आपूर्ति सीमित है, तो भाव बढ़ेंगे। पर बिटकॉइन की आपूर्ति को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। कोई कुछ कंप्यूटर पहेलियां सुलझा ले, तो उसे बिटकॉइन मिल जाते हैं। इसे बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। किसी भी चीज के भाव बढ़ने के तर्क होने चाहिए, वरना कोई बाबा दो मिनट में गहने दोगुने करने के वादे पर माल लेकर चंपत हो जाते हैं।

रिजर्व बैंक ने कई बार चेतावनी दी है कि बिटकॉइन को लेकर स्पष्टता नहीं है। बिटकॉइन का कारोबार किसी भारतीय अथॉरिटी के दायरे में नहीं है। कल को अगर बिटकॉइन डूब जाता है, तो किसकी जिम्मेदारी है? बिटकॉइन की कोई भी ऐसी केंद्रीय अथॉरिटी नहीं है, जहां शिकायत दर्ज की जा सके। इंटरनेट ने कई तरह की लूटों के ग्लोबल कर दिया है, क्योंकि लालच एक ग्लोबल और इंसानी वृत्ति है।

जो भी किसी भी निवेश को एक साल में 12 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न देने की बात करे, उसे गहराई से शक की निगाह से देखा जाना चाहिए क्यूंकि RBI की अधिकतम ब्याज देता ही 9.5% है, पर लालच शक को खत्म कर देता है। बिटकॉइन के मामले में यही हो रहा है। किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि बिटकॉइन के भाव लगातार ऊपर जाने के ठोस कारण क्या हैं, सिवाय इसके कि इसके भाव अतीत में बहुत कम समयावधि में इतने ऊपर चले गए। पर हमे ये नहीं भूलना चाहिए कि बहुत कम समय में कई लोग डूब भी गए थे। वित्तीय इतिहास का भी वही सबक है, जो सामान्य इतिहास का है, इतिहास से हम सिर्फ यह सीखते हैं कि इतिहास से हम कुछ नहीं सीखते।

बिटकॉइन जैसी Virtual करेंसी पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस के लिए बाकायदा 05/04/2018 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बिटक्वाइन को अल्टीमेटम भी जारी किया है। आरबीआई के इस अल्टीमेटम के बाद अब आप बैंक या ई वॉलेट के जरिए बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी नहीं खरीद पाएंगे। रिजर्व बैंक ने अपनी क्रेडिट पॉलिसी में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के चलते हमें अपने ग्राहकों के हितों की रक्षा के चिंता हो रही है। आरबीआई ने कहा कि हमें चिंता है कि कहीं इसके चलते लोग मनी लांडरिंग जैसे मामलों में शामिल न होने लगे। रिजर्व बैंक बार-बार ग्राहकों, क्रिप्टोकरेंसी रखने वालों और इनके ट्रेडर्स को चेतावनी देता रहता है।

कई बार नोटिफिकेशन के जरिए सरकार और आरबीआई ने यह बताया है कि ‘बिटकॉइन को भारत में कानूनी और लीगल टेंडर नहीं माना जाएगा।’ अब आप अपने ई वॉलेट, नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्स से बिटक्वॉयन जैसी क्रिप्टोकरेंसी नहीं खरीद सकेंगे. क्योंकि रिजर्व बैंको ने ऐसी किसी तरह की सुविधा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का ऐपान किया है। दूसरी ओर रिजर्व बैंक खुद ही डिजिटल करेंसी लागू करने के बारे में सुझाव देने के लिए एक कमेटी बनाने का ऐलान किया है।चूंकि ई वॉलेट मुहैया कराने लिए रिजर्व बैंक से लाइसेंस लेना पड़ता है और नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड बैंकिंग सेवाओं का हिस्सा है, ताजा निर्देश के बाद साफ है कि इन सब का इस्तेमाल बिटक्वॉयन की खरीद-फरोख्त में नहीं किया जा सकेगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों और ई वॉलेट सेवा मुहैया कराने वालो को ये भी निर्देश दिया है कि उनका बिटक्वॉयन लेन-देन करने वालों से मौजूदा कारोबारी रिश्तें को पूरी तरह से खत्म करने के लिए तीन महीने का समय मिलेगा। कई बैंकों बिटक्वॉयन का कारोबार करने वालों का खाता है। इसके अलावा विभिन्न डिजिटल माध्यमों से ऐसी मुद्रा के लेन-देन को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। उम्मीद है कि अब ऐसी कोई अनिश्चितता नहीं रहेगी।

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