कजाकिस्तान में एक यात्री बस में गुरुवार को आग लग जाने से, उसमें सवार 52 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी मध्य एशियाई देश के आपात सेवा मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने हालांकि आग लगने के कारणों के बारे में नहीं बताया है। बयान में मंत्रालय ने कहा, ‘‘18 जनवरी को सुबह करीब साढ़े दस बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार 0430 बजे) एक बस में आग लग गई। बस में 55 यात्री और दो चालक थे।’’ इसमें कहा गया, ‘‘पांच यात्री किसी तरह बच पाए और उन्हें चिकित्सा सहायता मुहैया कराई गई है। शेष की मौके पर ही मौत हो गई।’’ आपात सेवा मंत्रालय के अधिकारी रूसलान इमानकुलोव के अनुसार, बस के चालक ने बताया कि यात्री उजबेक नागरिक थे। उन्होंने बताया कि बस में आग लगी और तेजी से फैल गई।
रूसी और कजाख मीडिया में प्रसारित वीडियो में बर्फीले ढलान पर खड़ी बस से गहरा धुआं निकलता नजर आ रहा है। बाद में ली गई तस्वीर में बस पूरी तरह जली नजर आ रही है। मंत्रालय ने बस को हंगरी में निर्मित ‘इकारस’ वाहन बताया है। पूर्व सोवियत देशों में अब भी इकारस का बहुतायत में उपयोग हो रहा है जबकि ये बसें कई दशक पुरानी हो चुकी हैं।बस रूसी शहर समारा से दक्षिणी कजाखस्तान के शिमकेन्द जा रही थी।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पेरू में ‘डेविल्स कर्व’ के नाम से दुर्घटना संभावित क्षेत्र में एक ट्रक से टकराने के बाद एक बस पहाड़ी से नीचे गिर गई थी। इस हादसे में कम से कम 48 लोग मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया था कि बस हुआचो से 55 यात्रियों को लेकर लीमा आ रही थी। उसी दौरान हादसा हुआ था। बस पहाड़ी से 100 मीटर नीचे गिरी और समुद्र किनारे चट्टानों पर पलट गई थी। गृह मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया था कि घटना में कम से कम 48 लोग मारे गए।
इससे पहले अधिकारियों ने 36 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की थी। पुलिस का कहना था कि ज्वार-भाटा और लहरों के बस तक पहुंचने के कारण रात में शवों को निकालने का काम बंद कर दिया गया था। पुलिस हेलीकॉप्टर ने कुछ बचावकर्मियों को सीधे बस के पास उतारा जबकि अन्य को पैदल ही वहां तक पहुंचाया गया था। हादसे में कई लोग सुरक्षित भी बचे थे।