अमेरिका के होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट ने एच1बी वीजा में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नए कदम उठाए हैं. ये नए कदम खासकर कंपनियों द्वारा विदेशी प्रोफेशनल्स को अस्थायी तौर पर नौकरी देने से रोकेंगे. व्हाइट हाउस के एक ऑफिशियल के मुताबिक एच1बी वीजा के नियम को कड़े करने पर ट्रंप सरकार अभी कुछ और फैसला ले सकती है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति बनने के बाद से ही एच1बी वीजा डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर है. इससे पहले वह एच1बी वीजा के लिए लॉटरी सिस्टम को खत्म करने का वादा कर चुके हैं.
जस्टिस डिपार्टमेंट ने जारी की चेतावनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एच-1बी वीजा देने में सख्ती बरतने का एलान यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस ने किया. बता दें कि इससे पहले ट्रंप सरकार ने अपने जस्टिस डिपार्टमेंट के जरिए सभी कंपनियों को एच1बी वीजा के गलत इस्तेमाल पर चेतावनी जारी कर दी है. व्हाइट हाउस के एक ऑफिशियल के मुताबिक एच1बी वीजा की पूरी प्रोसेस में पार्दर्शिता लाने के लिए ये कदम उठाना जरूरी था, आगे चलकर ट्रंप सरकार फेडरेल ऐजेंसियों के जरिए इस प्रोग्राम को सख्ती से लागू करने के लिए कहेगी.
इन नए कदमों के तहत होम सिक्युरिटी डिपार्टमेंट उन जगहों पर विजिट करेगी, जहां के वर्कर्स एच1बी वीजा होल्डर्स है. भविष्य में भी यूएस सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विस एजेंट ऐसी कंपनी को जांच करेगी, जहां अमेरिकी वर्कर्स के मुकाबले एच1बी वर्कर्स की संख्या ज्यादा है.इसके अलावा इम्प्लॉयर की बेसिक बिजनेस इन्फॉर्मेशन अपडेट हुई है कि नहीं इस पर भी नजर रहेगी. इम्प्लॉयर्स को उन H-1B वीजा वर्कर्स के बारे में भी बताना होगा जो किसी दूसरी कंपनी में ऑफसाइट काम करते हैं. वहीं पूरे देश के एच-1बी वीजा पिटीशनर्स और वीजाहोल्डर्स पर यूएस सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विस एजेंट नजर रखेगी.
क्या है एच1बी वीजा
एच1बी वीजा ऐसे विदेशी पेशेवरों के लिए जारी किया जाता है जो ऐसे ‘खास’ कामों के लिए स्किल्ड होते हैं. अमेरिकी सिटीजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज के मुताबिक, इन ‘खास’ कामों में वैज्ञानिक, इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर शामिल हैं. हर साल करीब 65000 को लॉटरी सिस्टम के जरिए ऐसे वीजा जारी किए जाते हैं. आईटी कंपनियां इन प्रोफेशनल पर ज्यादा निर्भर होती है. साल 2017- 2018 के लिए एच1बी वीजा जारी करने के लिए सोमवार को बिना किसी बदलाव के लॉटरी सिस्टम शुरू हो चुका है.