इंसानियत जरूरी या रोटी ?
केस.1 – दिल्ली के जहांगीरपुरी में, एक 22 वर्षीय गर्भवती महिला की उसके पति ने हत्या कर दी थी क्योंकि वह पूरी तरह गोल चपाती नहीं कर सकी।
केस.2 – 12 वर्षीय लड़की को लाहौर के मेयो अस्पताल के बाहर मृत पाया गया ,लोकल पुलिस के बयान से बताया गया कि उसके पिता और भाई ने ‘गोल रोटी न बनाने’ के लिए उसे मार दिया था।
केस.3 – मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पशुपालन मंत्री कुसुम महदेले ने मात्र दस साल के बच्चे को सिर्फ इसलिए लात मार दी थी क्यूंकि उसने मंत्री महोदय से खाने कि मांग कर दी थी। यह वाकया उस समय का है, जब वे राज्य के स्थापना दिवस के मौके पर पन्ना जिला मुख्यालय के बस स्टैंड पर स्वच्छता अभियान के तहत सफाई कार्य में हिस्सा लेने के बाद अपनी कार की ओर बढ़ रही थीं। तभी दस वर्षीय एक बच्चे ने भीख में एक रुपया मांगा और उसने अपना सिर उनके पैरों के सामने रख दिया। इस पर महदेले ने कथित तौर पर बच्चे के सिर पर लात मार दी। इसके बाद मंत्री के गार्ड ने बच्चे को उठाकर पटक दिया। मंत्री कुसुम कार में बैठकर रवाना हो गईं।
केस.4 – केरल के पलक्कड़ जिले कि उस शर्मनाक घटना को कौन भूल सकता है , जहाँ एक भूखे आदिवासी युवक को सिर्फ इसलिए पीट-पीट कर मार दिया गया क्यूंकि उसने गलती से उसने अपनी भूख शांत करने के लिए एक किलो चावल उठा लिए थे। जिसका पता लगने के बाद उसे चोर साबित कर दिया गया और उस गरीब युवक की खूब पिटाई की गयी।आरोपियों ने पीड़ित के साथ सेल्फी ली और वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर डाला।
केस.5 – झारखंड में ज़मीनी हक़ीक़त में दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी थी जब आधार और नेटवर्क जैसी तकनीकी दिक्कतों और प्रशासन की लापरवाही के चलते सिमडेगा जिले स्थित कारीमाटी गांव में ग्यारह साल की बच्ची संतोषी की मौत भूख से हो गयी। दरअसल सिस्टम की खामियों और सरकारी दावों के बीच संतोषी भात-भात कहते मर गई।
ऐसे न जाने कितने प्रकरण जो पन्नो में दर्ज होते ही नहीं। तो इसका मतलब हमारा देश तरक्की किस दिशा में कर रहा है जहा 80% से ज्यादा आबादी भूख और खाने की कमी से मर रही है और जिनके पास है वो इंसानियत कमी की कमी से।
Source:- Sunil Maurya मेरी आवाज़ @TheSuneelMaurya