India can be built on the Republic Day of the Trump ...
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हर साल गणतंत्र दिवस के समारोह में हिस्सा लेने के लिए किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष या किसी बड़ी विदेशी शख्सियत की मेहमाननवाजी करता है. इस बार ये न्योता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भेजा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने अगले साल 26 जनवरी के समारोह में ट्रंप को न्योता भेजा है. अप्रैल में भेजे गए इस न्योते पर अभी ट्रंप प्रशासन विचार कर रहा है. दोनों तरफ की हुई आधिकारिक बातचीत से ये सामने निकलकर आ रहा है कि पिछले हफ्ते में अमेरिकी अधिकारियों ने ऐसे संकेत दिए हैं कि ट्रंप ये न्योता स्वीकार कर सकते हैं.
इसके पहले भारत ने 2015 में गणतंत्र दिवस के समारोह में बराक ओबामा का स्वागत किया था. ओबामा के उस दौरे की काफी चर्चा हुई थी. वो अपनी पत्नी और तब की फ़र्स्ट लेडी मिशेल ओबामा के साथ भारत आए थे. 2016 में अबु धाबी के प्रिंस मोहम्मद बिन जाएद समारोह के मुख्य अतिथि बनकर आए थे. लेकिन ट्रंप के भारत दौरे की चर्चा कई मायनों में हलचल भरी रहने वाली है. औपचारिक तौर पर मोदी और ट्रंप के रिश्ते अच्छे रहे हैं लेकिन कूटनीतिक स्तर पर सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा. एच1बी वीजा का मामला हो या ट्रेड टैरिफ का या ईरान-भारत-यूएस के तेल संबंधो की बात हो. भारत-अमेरिका के रिश्ते इस वक्त काफी अस्थिर चल रहे हैं.
वैसे भी अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में मोदी सरकार अपनी उपलब्धियों की लिस्ट थोड़ी लंबी तो करना चाहेगी ही. वहीं, आर्थिक और सामरिक मोर्चे पर भारत की स्थिति भी थोड़ी मजबूत होगी ये बात तो साफ है कि ओबाम के गुड बुक्स में शामिल भारत अभी तक ये नहीं समझ पा रहा है कि वो ट्रंप की लिस्ट में कहां है. वैसे तो रूस को छोड़कर अभी ये बात कई दूसरे देश भी नहीं समझ पा रहे लेकिन अगर मोदी सरकार ट्रंप को 26 जनवरी का मेहमान बनने को राजी कर लेती है और भारत की स्थिति को ट्रंप के सामने थोड़ी मजबूत कर लेती है तो ये उसकी बड़ी कूटनीतिक जीत होगी.