पिछले साल की तुलना में 2018 में चीन अपना रक्षा बजट 7 फीसद बढ़ाएगा। सोमवार को राष्ट्रीय विधायिका को पेश किए गए बजट रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपनी आर्मी को तैयार करने में जुट गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि पिछले दो सालों की तुलना में वृद्धि दर में थोड़ा इजाफा हुआ है, 2013 से यह तीसरी बार है जब आंकड़े एकल अंकों में हैं, 2016 में यह 7.6 फीसद और 2017 में 7 फीसद था। बजट में यह इजाफा पिछले साल के मुकाबले सात फीसद अधिक है। यह बजट भारत के मुकाबले करीब तीन गुना है।
13वें नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के प्रवक्ता झांग येसुई के हवाले से शिन्हुआ ने बताया, ‘अन्य प्रमुख देशों की तुलना में चीन का रक्षा बजट इसके जीडीपी व राष्ट्रीय राजकोषीय व्यय का एक छोटा सा हिस्सा है।‘ 2018-19 के लिए पूर्वानुमान के तहत चीन की जीडीपी में 6.5 फीसद तक बढ़त होनी है जो 2016 के 6.7 और 2017 के 6.9 फीसद से थोड़ा कम है। लेकिन फिर भी यह दुनिया के सबसे अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी।
चीन की अर्थव्यवस्था 2015 से मंदी के दौर से गुजर रही है, क्योंकि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) निर्यात और निवेश के बजाए खपत और सेवाओं के जरिए अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहती है।
चीन के रक्षा बजट का भारत पर प्रभाव
चीन जिस तरह पाकिस्तान की मदद कर रहा है, भारतीय सीमा के आस पास तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है ऐसे में संभव है कि आने वाले वक्त में बढ़ा हुआ रक्षा बजट ऐसी गतिविधियों में काम आए जो भारत के अनूकूल ना हों।