Know what is the secret of seeing the whole National Flag in Hajj.
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सऊदी अरब में हर वर्ष दुनियाभर के लाखों मुसलमान मक्का में हज के लिए इकठ्ठा होते हैं। इस तार्थ यात्रा में मुस्लिम मक्का, मीना व मुजदलिफा और उसके नजदीकी पवित्र स्थलों अराफात में जाते हैं। सभी हैसियतमंद मुसलमानों का एक फर्ज यह भी होता है कि वह अपनी जिंदगी में एक बार हज यात्रा करें। आपको बता दे कि इस बार तो हज यात्रा में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। दरअसल लाखों हज तीर्थयात्रियों की भीड़ में भारतीयों को अलग से पहचाना जा सकता था। क्योंकि उनके हांथ में तिरंगे वाला छाता था। अगर देखा जाए तो धूप से बचने के लिए हज तार्थयात्री छाता लेकर चलते हैं। लेकिन इस बार तो सभी भारतीयों के छाते से उनकी राष्ट्रीयता एकदम साफ-साफ दिखाई दे रही थी। पवित्र शहर मक्का के समीप मीना में ईद-उल-अजहा के पहले दिन को शैतान का प्रतीक माना गया है। और उसमें तीन खंभों को कंकड़ मारने के लिए लाखों तीर्थयात्रियों का कारवां बढ़ता है। वहीं तीर्थयात्रियों के इस भीड़ में तिरंगे वाले छाते दूर से ही नजर आ रहे थे।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मीना शहर के शैतानी पिलर पर कंकड़ फेंकने की रस्म को जमारात कहा जाता है। जो प्रत्येक वर्ष हज की अंतिम कड़ी होती है। हज कमीटी ऑफ इंडिया के सदस्य इरफान अहमद का कहना है कि हज तीर्थयात्रियों की भीड़ में से सभी भारतीय अपने छाते के कारण से आसानी से पहचान में आ रहे थे। दरअसल तिरंगे वाला छाता भारतीय तीर्थयात्रियों को गौरव से भर देता है व उन्हें हज कमीटी की रडार में रहने के लिए सहायता भी करता है। इसके आगे उन्होंने कहा कि तिरंगा छाता तीर्थयात्रियों को यह भी याद दिलाता है कि जब वे अपने लिए खुदा से रहमत मांगें तो अपनी मातृभूमि के लिए भी दुआ जरूर से करें। फिलहाल हज के लिए हर देश का एक कोटा निर्धारित होता है। और उसी के अनुरूप ही सभी देशों से तीर्थयात्री हज यात्रा करने जाते हैं।
दरअसल हज पर गए सभी भारतीय यात्रियों के कैंपों में भी तिरंगा होता है। और सोशल मीडिया पर इसके पहले भी तिरंगे वाला हिजाब पहने हुए हज पर गईं महिलाओं की तस्वीरें भी सामने आ चुकी है। वहीं इस साल हज के लिए 1 लाख 75 हजार भारतीय गए हैं।