Myanmar : 7 journalists get 2 years Punishment for coverage on Rohingya.
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सोमवार को न्यूज एजेंसी रायटर के दो पत्रकारों को म्यांमार में सात साल की मिली सजा। दरअसल उन दोनों पत्रकारों को रोहिंग्या पर रिपोर्टिंग के दौरान गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया गया है।
वहीं अब इस मामले में प्रेस की आजादी पर सवाल उठा कर हमला किया गया है। दरअसल पूरा मामला ये है कि पेशे से पत्रकार म्यांमार के नागरिक वा लोन और क्याव सो ऊ को दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। और तभी से दोनों को यंगून की इनसीन जेल में रखा गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये कार्रवाई ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन करने के अंर्गत की गई है और ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के इस एक्ट में अधिकतम 14 साल की सजा का नियम है। वहीं जब यह मामला पिछले साल मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या पर रखाइन राज्य में म्यांमार सिक्योरिटी फोर्स द्वारा की गई कार्रवाई के बाद की गई रिपोर्टिंग से दुनिया के सामने आया था तो दोनों पत्रकारों ने खुद पर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वे सितंबर में रखाइन गांव में 10 मुस्लिम रोहिंरग्या की हत्या के मामले का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रहे थे।
हालांकि इस मामले की सुनवाई कर रहे जज ये लवीन ने अदालत में अपने दिए फैसले में कहा, कि उन्होंने गोपनीयता कानून के अंतर्गत अपराध किया है। जिसकी वजह से उन दोनों को सात वर्ष के लिए जेल की सजा सुनाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ शनिवार को ही 100 से ज्यादा पत्रकारों और कार्यकर्ताओं ने यंगून में आरोपी पत्रकारों के समर्थन में मार्च निकाला था।