Sunday, September 8, 2024
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पाकिस्तान का हाल बेहाल, PM इमरान खान ने मांगी IMF से मदद

SI News Today

Pakistan’s Economical condition is not good , PM Imran Khan sought help from IMF

    

पाकिस्तान ने देश के अंदर बढ़ते भुगतान संतुलन संकट से निपटने की खातिर बेलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रूख करने की सोमवार को घोषणा की। पाकिस्तान ने शुरूआती हिचकिचाहट और विलंब के पश्चात यह कदम उठाने की घोषणा की। आईएमएफ से संपर्क करने का निर्णय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लिया है। हां वो बात और है कि खान ने देश की अर्थव्यवस्था को सहायता पहुंचाने के लिए इस प्रकार के कदमों का अतीत में विरोध किया था।

वित्त मंत्री असद उमर ने बताया कि विचार विमर्श के प्रधानमंत्री द्वारा इस फैसले को मंजूरी दिए जाने के बाद आईएमएफ से बातचीत शुरू की जाएगी। जानकारी के मुताबिक पता चला है कि इसी साल 31 मई को आई रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार खाली हो रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक पता चला है कि पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 10.3 अरब डॉलर यानी 69,504 करोड़ रुपए का ही विदेशी मुद्रा भंडार है। पिछले साल मई में यह 16.4 अरब डॉलर यानी 1,10,667 करोड़ रुपए था।

वहीं फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक पता चला है कि पाकिस्तान के पास जितनी विदेशी मुद्रा है, वो अधिकतम 10 हफ्तों तक के आयात के बराबर है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट द्वारा पता चला है कि  विदेशों में नौकरी कर रहे पाकिस्तानी देश में जो पैसे भेजते थे उसमें भी अत्यधिक गिरावट आई है। साथ ही पाकिस्तान का आयात भी बढ़ गया है। चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर में लगी कंपनियों को भारी भुगतान के कारण भी विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो रहा है।

विश्व बैंक ने अक्टूबर 2017 में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि उसे कर्ज भुगतान और चूला खाता घाटे को पाटने के लिए इस साल 17 अरब डॉलर की जरूरत पड़ेगी। हां वो बात और है कि पाकिस्तान ने इस पर तर्क दिया था कि विदेशों में बसे अमीर पाकिस्तानियों को अगर अच्छे लाभ का लालच दिया जाए तो वो अपने देश की मदद कर सकते हैं। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के एक अधिकारी ने कहा था कि अगर प्रवासी पाकिस्तानी ऑफर दिया जाएगा तो देश में पैसा जरूर आएगा। वहीं अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद में अमेरिका ने भारी कटौती की है। रॉयटर्स के अनुसार पाकिस्तान के साथ अमरीका के रिश्ते पूरी तरह से पटरी से उतर गए हैं। बता दे कि पाकिस्तान को प्रवासियों से एक अरब डॉलर की आवश्यकता है। दरअसल चीन का पकिस्तान पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। जून में खत्म हो रहे इस वित्तीय वर्ष तक चीन से पांच अरब डॉलर का कर्ज लिया जा चुका है।

पाकिस्तान और अमरीका के ख़राब हुए संबंधों के चलते चीन की अहमियत अब और भी ज्यादा बढ़ गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान की निर्भरता चीन पर लगातार बढ़ रही है और अमेरिका अगले साल तक पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में और भी ज्यादा कटौती करेगा। आईएमएफ के अनुसार पता चला है कि  पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट द्वारा पता चला है कि  2009 से 2018 के बीच पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज 50 % बढ़ा है। 2013 में पाकिस्तान को आईएमएफ ने 6.7 अरब डॉलर का पैकेज दिया था।

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