पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रहने वाले एक लड़के को भारत में इलाज के लिए लेटर की जरूत नहीं पड़ेगी। सुषमा स्वराज ने पीओके को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए इस बात की जानकारी दी। ओसामा इलाज के लिए भारत आना चाहता था लेकिन उसको पाकिस्तान की तरफ से इजाजत नहीं दी जा रही थी। रावलकोट में रहने वाले 24 साल के ओसामा अली के लीवर में ट्यूमर है। इलाज के लिए वह दिल्ली आना चाहता है। इसके लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज को इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमीशन को लेटर लिखकर देना था। लेकिन वह लेटर नहीं दे रहे जिसकी वजह से ओसामा को मेडिकल इमरजेंसी का वीजा नहीं मिल रहा था। ओसामा को दिल्ली के साकेत का एक प्राइवेट हॉस्पिटल भर्ती करने को तैयार भी है। यहां के डॉक्टर्स ने साफ कह दिया है कि ओसामा का लीवर ट्रांसप्लांट करना होगा।
ओसामा के पिता जावेद नाज खान वकील होने के साथ-साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने बताया कि यूरोप में इलाज करवाना भारत के मुकाबले महंगा पड़ेगा इसलिए वह यहां आना चाहते हैं। उन्होंने फोन पर रोते हुए कहा कि वह ऐसे अभागे पिता हैं जो अपने बेटे का इलाज भी नहीं करवा पा रहे।
खान ने पीओके के राष्ट्रपति मसूद खान के जरिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था। लेकिन जवाब में कहा गया, ‘ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है जो अजीज साहब को पत्र लिखना पड़े। दक्षिण एशिया डेस्क के मुख्य सचिव को ऐसा पत्र लिखना होता है लेकिन भारतीय हाई कमीशन ऐसे कुछ वीजा रिजेक्ट कर चुका है।’
खान ने सुषमा स्वराज से बिना इजाजत के इलाज करवाने की इजाजत भी मांगी थी। लेकिन भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले ही साफ कर चुकी हैं कि ऐसी स्थिति में सरताज अजीज का पत्र चाहिए होगा। 10 जुलाई को सुषमा स्वराज सरताज अजीज पर भड़क गई थीं। सुषमा ने कुलभूषण जाधव के मामले का जिक्र करते हुए ट्वीट किए थे कि उन्होंने काफी दिन पहले कुलभूषण की मां के वीजा के लिए अर्जी भेजी थी लेकिन अजीज ने उसपर ना कोई जवाब दिया ना ही उसपर ध्यान दिया।