शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मन का संतुलित होना बेहद जरूरी है। अगर व्यक्ति का मन असंतुलित होता है तो शरीर बहुत प्रभावित होता है और कई तरह की समस्या पैदा हो जाती हैं। मन के संतुलित ना रहने से ही डिप्रेशन की बीमारी की शुरुआत होती है। मन के संतुलन में ना रहने के पीछे चंद्रमा और बुध ग्रह को वजह माना जाता है। अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही नहीं है तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में शैलेंद्र पांडे आपको बता रहे हैं डिप्रेशन से बचने के लिए उपाय…
डिप्रेशन की वजह- चंद्रमा को मन का स्वामी बताया जाता है। ज्योतिषियों के मुताबिक डिप्रेशन में सबसे बड़ी भूमिका चंद्रमा और बुध की होती है। बुध को चंद्रमा का पुत्र भी माना जाता है। डिप्रेशन को कम या ज्यादा करने में बुध की भी बड़ी भूमिका होती है। बुध को बुद्धि का स्वामी कहा गया है। अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा ठीक नहीं है तो भी आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। कहा जाता है कि चंद्रमा को तीन ग्रह (शनि, राहु और सूर्य) प्रभावित करते हैं। ये तीनों ग्रह अलग-अलग तरह का डिप्रेशन पैदा करते हैं। अगर किसी की कुंडली में बुध ताकतवर है तो उस पर किसी ग्रह का कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि बुध बुद्धि का कारक है और बुद्धि मन पर काबू कर लेती है।
अगर शनि चंद्रमा को प्रभावित करता है तो व्यक्ति को बहुत तकलीफ होती है। ऐसे हालात में व्यक्ति अध्यात्म की ओर चला जाता है। वहीं जब राहु डिप्रेशन पैदा करता है तो व्यक्ति को कल्पना वाली बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। जब सूर्य चंद्रमा के निकट होता है तो व्यक्ति अपनी खुशी और दुख पर नियंत्रण नहीं कर पाता है। कभी- कभी बृहस्पति भी डिप्रेशन को कम कर देता है। क्योंकि चंद्रमा को बृहस्पति से शक्ति मिलती है।
डिप्रेशन से बचने के उपाय- डिप्रेशन को दूर करने में आसन और प्राणायाम को सबसे उपयोगी माना जाता है। डिप्रेशन दूर करने के लिए मयूर आसन और प्राणायाम को बहुत फायदेमंद माना गया है।
– रोज सुबह सूर्य को जल अर्पित करके सूर्य की रोशनी में 5 से 10 मिनट खड़ा होना चाहिए। सूर्य की रोशनी से शरीर से फायदा होता।
-डिप्रेशन वाले लोगों को अंधकार से दूर रहना चाहिए।
-डिप्रेशन के शिकार लोगों को दिनभर में एक केला जरूर खाना चाहिए।
-सुबह और शाम को 108 बार गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
-पुखराज और पन्ना धारण करने से भी डिप्रेशन की समस्या दूर हो जाती है।
-कभी भी मोती नहीं पहनना चाहिए।
-पूर्णिमा का उपवास रखना चाहिए।