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मुंबई के बस ड्राइवर और कंडक्टर ने साबित किया ये बात, इस पुरुषवादी समाज में अकेली लड़की नहीं है खुली हुई तिजोरी के समान

The bus driver and conductor proofed that in this men society alone girl is not for use.

   

जहाँ देश भर में महिलाओं, लड़कियों और मासूम बच्चियों से छेड़छाड़ और रेप की घटनाए बढ़ती जा रही है तो वहीं मुंबई में वेस्ट बस के एक ड्राइवर और कंडक्टर ने ऐसा काम किया है, जिनकी हर कोई जमकर तारीफ कर रहा.  बता दें, मुंबई में एक कंपनी में काम करने वाली लड़की देर रात 1.30 बजे वेस्ट बस से गोरेगांव के रॉयल पाम बस स्टॉप पर उतरी. जगह बिल्कुल सुनसान थी और वो वहां बिल्कुल अकेली थी. वहीं हालात को समझते हुए
और इंसानियत के नाते ड्राइवर और कंडक्टर ने  लड़की को सुनसान जगह पर अकेला छोड़ना मुनासिब नहीं समझा. बल्कि लड़की का साथ देने के लिए बस खड़ी रखी. कुछ देर बाद जब ऑटो वाला आया, तो दोनों ने लड़की को उसमें बिठाया और अगले स्टॉप के लिए निकल पड़े.

इस घटना के बाद  ट्विटर हैंडल से लड़की ने बेस्ट बस 398 के ड्राइवर और कंडक्टर की प्रशंसा करते हुए लिखा, रात 1.30 बजे मैं सुनसान सड़क पर अकेली थी.

उन्होंने मुझसे पूछा- क्या कोई आपको लेने आ रहा है. जब मैंने कहा- नहीं, तो उन्होंने बस को तब तक रोके रखा, जब तक मुझे कोई ऑटो नहीं मिल गया. इसके बाद मुझे बिठाकर चले गए. लड़की कहती है, यही वजह है कि उसे मुंबई से प्यार है.

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