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आदित्य नाथ पर नहीं चलेगा 2007 गोरखपुर दंगे का मुकदमा, सरकार ने नहीं दी इजाजत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे के मामले में मुकदमा नहीं चलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से गुरुवार (11 मई) को ये बयान आया है। बता दें कि हाई कोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव को को पिछले सप्ताह तलब किया था और गोरखपुर दंगें से जुड़े सभी दस्तावेजों को अदालत में लाने को कहा था, इस मामले में स्थानीय सांसद और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ आरोपी हैं।

बता दें कि जस्टिस रमेश सिन्हा और उमेश चन्द्र श्रीवास्तव की बेंच ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को गुरुवार (11 मई) को अदालत में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने को कहा था, और वे दस्तावेज मांगे थे जिनमें उन व्यक्तियों का नाम है जिनके खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाया जाना है। अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ये आदेश परवेज परवाज नाम के शख्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान दी थी। 2007 गोरखपुर दंगों के मामले में गोरखपुर के कैंट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, इस मामले का गवाह असद हयात भी इस मामले में याचिकाकर्ता है।  इससे पहले अदालत ने इस मुकदमे में सीएम योगी आदित्य नाथ पर मुकदमा चलाने की अनुमति ना देने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी।

क्या है मामला?

2007 की जनवरी महीने में ही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दो समुदायों के बीच दंगा हुआ था। इस दंगे में कथित रूप से दो लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गये थे। इस मामले में तत्कालीन बीजेपी सांसद योगी आदित्य नाथ, स्थानीय विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल, और उस समय शहर की मेयर रही अंजू चौधरी पर आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस के मना करने के बावजूद रेलवे स्टेशन के पास भड़काऊ भाषण दिया था इसके बाद ये दंगा भड़का था। पुलिस के मुताबिक ये विवाद मुहर्रम पर ताजिये के जुलूस के रास्ते को लेकर था। इस केस में योगी आदित्य नाथ समेत बीजेपी के कई नेताओं पर कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था।

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