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सरकार 3 बॉक्स ऑफिस कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन, यामी गौतम, मनोज बाजपेई, जैकी श्रॉफ और अमित साद स्टारर फिल्म सरकार की तीसरी कड़ी बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन कुछ खास खेल दिखा पाने में नाकाम रही। बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म का पहले दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन महज 2 करोड़ 25 लाख रुपए रहा। फिल्म के द्वारा की गई यह कमाई फिल्म के पहले और दूसरे पार्ट द्वारा पहले दिन की गई ओपनिंग से भी कहीं कम रहा। राम गोपाल वर्मा निर्देशित इस फिल्म को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए भरसक कोशिशें की गई थीं। यहां तक कि राम गोपाल वर्मा ने पहली बार अपनी किसी फिल्म में गणेश आरती भी गवाई। लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि इनमें से कोई भी प्रयोग कारगर साबित रहा है।

‘सरकार 3’ देखने के बाद दो बातें निश्चित रूप से कही जा सकती हैं। एक तो यह कि राम गोपाल वर्मा अभी भी बहुत अच्छी तो नहीं लेकिन कुछ ठीक-ठाक सी फिल्में बना सकते हैं। दूसरा, ऐसा वे सिर्फ अमिताभ बच्चन के साथ काम करते हुए कर सकते हैं, क्योंकि ‘सरकार राज’ के बाद उनकी अलग अलग अभिनेताओं से साथ जो फिल्में आईं वे या तो बेहद साधारण रहीं या पिट गईं। दूसरे शब्दों में अमिताभ के अलावा उनकी फिल्मी दुकान पर कुछ नहीं है। इस बार भी अमिताभ उनके खेवनहार बन के आए हैं और उनके कारण ही इस फिल्म को कुछ दर्शक मिल भी जाएंगे। कह सकते हैं कि राम गोपाल वर्मा के भीतर की आग अब धीरे धीरे बुझ रही है। उनके भीतर यदा कदा जलती हुई लौ दीखती है। ‘सरकार 3’ भी उसी तरह की है।

‘सरकार-3’ की खूबी अमिताभ बच्चन का अभिनय है जिसमें वे अपने संवादों,अपनी नजरों और अपनी हरकतों से चुंबकीय प्रभाव पैदा करते हैं। उनके संवाद बहुत शांत और ठहरी हुई आवाज में हैं जिसके कारण उनकी हर भंगिमा में एक सम्मोहन है। ‘सरकार-3’ में भी उन्होंने उसी सुभाष नागरे की भूमिका निभाई है जो एक तरह से मुबंई का गॉडफादर है और वहां की राजनीति से लेकर अपराध तंत्र पर उसका नियंत्रण है। उसके दो बेटे इस शृंखला की पुरानी फिल्मों में मारे जा चुके हैं। ‘सरकार-3’ में नागरे का पोता, उसके बड़े बेटे विष्णु का बेटा, शिवाजी (अमित साध) अपने दादा के घर लौटता है। विष्णु की हत्या उसके छोटे भाई शंकर ने कर दी थी ‘सरकार’ में और शंकर भी ‘सरकार राज’ में मारा जा चुका है।

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