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जब शत्रुघ्न सिन्हा फिल्म में दोस्त की वजह से बन गए थे ‘कालीचरण, जानिए

बॉलीवुड में शॉटगन नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म ‘कालीचरण’ तो आपको याद ही होगी। इस फिल्म के ग्रैंड प्रीमियर के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्म को लेकर कई बातों को मीडिया के साथ शेयर किया। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ‘कालीचरण’ फिल्म उनके करियर के लिए ‘मील का पत्थर’ साबित हुई थी। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि जिस फिल्म से शॉटगन को इंडस्ट्री में एक नई पहचान मिली वो ‘कालीचरण’ की कहानी से खुश नहीं थे। शत्रुघ्न सिन्हा ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। इसके बाद उनके दोस्त डायरेक्टर सुभाष घई के कहने पर वो फिल्म करने के लिए राजी हुए थे। शॉटगन ने बताया की सुभाष घई और उनकी दोस्ती संघर्ष के दिनों से है। सुभाष घई से पहले वो थोड़े से कामयाब जरूर हो गए थे लेकिन अभी उन्हें स्टारडम की तलाश थी। जिसकी कमी सुभाष घई की फिल्म ‘कालीचरण’ से पूरी हुई।

शॉटगन ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि सुभाष और मेरी दोस्ती इतनी गहरी थी कि सुभाष अपनी शादी में मेरी गाड़ी में बैठकर गया था। उन्होंने कहा कि उस दोरान बहुत कम लोग ऐसे थे जिनके पास खुद की गाड़ी हुआ करती थी। मैंने शर्मिला टैगोर से गाड़ी खरीदी थी, जिसका नंबर मुझे आज भी याद है। जब शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म ‘कालीचरण’ में उनका फेवरेट डायलॉग के बारे में पूछा गया तो शॉटगन ‘खामोश’ कहकर माहौल बना दिया।

हालांकि बाद में उन्होंने सुभाष घई से पूछकर कहा कि ‘बेईमानी वो धंधा है जिसे इमानदारी के साथ किया जा सकता है’ इस फिल्म ये डायलॉग मुझे आज भी पसंद है। शॉटगन ने कहा कि ‘कालीचरण’ लोगों के जेहन में कल भी जवान था आज भी है और आगे भी ऐसा ही रहेगा। इस फिल्म के लिए उन्होंने सुभाष घई के साथ-साथ उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया जो इससे जुड़े थे।

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