बॉलीवुड के तेजी से उभरते हुए सितारे नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। नवाजुद्दीन ने अपनी एक्टिंग स्किल के जरिए अपने फैंस का दिल जीत कर उनके दिलों में खास जगह बनाई है। अपने दम पर मुकाम हासिल करने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने धनिया बेचने तक का काम किया है। जी हां, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि एक बार 100 रुपए के धनिए से उन्होंने 300 रुपए बनाने की कोशिश की थी।
इंटरव्यू में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई किस्से शेयर किए। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके एक दोस्त ने उन्हें कहा कि क्या वह 100 रुपए के 300 रुपय बनाना चाहते हैं। नवाजुद्दीन ने बताया कि इस दौरान वह मीरा रोड पर रहते थे। सिद्दीकी ने बताया, ‘मेरे दोस्त ने 200 रुपए का धनिया खरीदा और उस धनिए की बोली लगाने लगा। वो जोर जोर से बोलने लगा.. 5 रुपए की गड्डी, 5 रुपए की गड्डी। इसके बाद थोड़ी देर में वो धनिया काला पड़ने लगा। वहीं उस धनिये को किसी ने खरीदा ही नहीं। फिर हम दोनों वापस उस धनिया बेचने वाले के पास गए। हमने उससे पूछा भाई तुम्हारा धनिया तो काला पड़ने लगा है। कोई इसे खरीद ही नहीं रहा। तो उसने बताया कि आपको धनिया पर पानी डालते रहना था इससे वह काला नहीं पड़ता। इसके बाद हमारे पास जो पैसे थे वह भी चले गए। हमें ट्रेन से वापस बिना टिकट सफर करना पड़ा।’
इस दौरान नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक किस्सा कान फिल्म फेस्टिवल में जाते वक्त का भी बताया। उन्होंने बताया कि जब उन्हें कोई नहीं जानता था तब उन्होंने उस वक्त को कैसे काटा। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया, ‘साल 2012 में कान फिल्म फेस्टिवल में मेरी दो फिल्में सलेक्ट हुई थीं। इस दौरान मैं बड़े डिजाइनर के पास गया और कहा कि मुझे कान फेस्ट में जाना है तो बढ़िया सा सूट चाहिए। उन्होंने मुझे नीचे से लेकर ऊपर तक देखा। उन्हें लगा होगा कि यह एक्टर तो लग ही नहीं रहा है इसकी पिक्चर कहां सलेक्ट हुई होंगी। इस दौरान डिजाइनर्स ने मुझे सूट बनाने से मना कर दिया।’
आगे उन्होंने बताया कि ‘मुझे अर्जेंट जाना था। मेरे घर के पास एक लोकल मार्किट है, वहां पर मैं टेलर के पास गया और उसे सूट बनाने के लिए कहा। मैंने कपड़ा खरीदा, और कहा कि इस सूट को दो दिन में सीना है। जैसे-तैसे कर के उसने सूट सी दिया। वही पहन कर मैं कान फिल्म फेस्टिवल में गया था। अगली बारी फिर कान फिल्म फेस्टिवल में मेरी तीन फिल्में सलेक्ट हुईं। लंच बॉक्स, मॉनसून शूटआउट और बॉम्बे टॉकीज। जब लोगों को पता चला कि इसकी तीन फिल्में सलेक्ट हुई हैं तो इसके बाद बहुत सारे डिजाइनर्स मेरे पास खुद आए और बोले हम आपके कपड़े डिजाइन करते हैं। तो मैंने कहा अब तो वो पुराना वाला ही पहन कर जाऊंगा।’
इस दौरान नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बड़े-बड़े सुपरस्टार्स के साथ कंपेरेजन को लेकर भी बात की। उन्होंने सलमान और शाहरुख का जिक्र करते हुए बताया, ‘फिल्म रईस के दौरान शाहरुख साहब और मैं एक सीन को कई वेरिएशन के साथ प्रेक्टिस किया करते थे, बहुत मजा आता था।’ वहीं सलमान के साथ बिताए पलों के बारे में बात करते हुए नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि सलमान खान कई बार उन्हें अपने पंच लाइंस तक दे दिया करते थे। उन्होंने बताया, ‘ सलमान साहब के साथ मेरा जो डायलॉग होते, चाहे वह उनका पंच लाइन हो, कई बार वो मुझे ही बोलने के लिए पकड़ा दिया करते थे। बहुत बार ऐसा हुआ जब ‘बजरंगी भाई जान’ या ‘किक’ में सलमान साहब ने मुझे अपनी पंच लाइन दे दीं। यह लोग तो सुपरस्टार्स हैं इनको किस बात की इनसिक्योरिटी। इन लोगों से तो मेरा कंपेरेजन हो ही नहीं सकता।’
अवॉर्ड्स मिलने को लेकर सिद्दीकी ने कहा कि ‘अवॉर्ड्स उनके लिए मायने नहीं रखते। जो अवॉर्ड दिए जाते हैं उससे तो अच्छा है कि वहां न ही जाया जाए। ऐसे में वहां जाकर खुद को बेईज्जती फील होती है। मैंने तो बोल रखा है कि भाई मुझे मत दो मुझे नॉमिनेट भी मत करो।’
वहीं, बायोपिक को लेकर नवाजुद्दीन से सवाल पूछा गया कि अगर उनके ऊपर बायोपिक बनती है तो वह उसका क्या नाम रखना चाहेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी तक डिसाइड नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘दरअसल मैंने कभी इस तरह सोचा ही नहीं कि मुझ पर कभी बायोपिक भी बनेगी। लेकिन अब इस बारे में सोचूंगा।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हॉलीवुड और बॉलीवुड के कंपेरेजन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि हमारे यहां वहां की तुलना में खराब सिनेमा बनता है। यहां अगर साल में चार से पांच फिल्में बनती हैं और बाकी कचरा होती हैं वैसे ही हालात वहां के भी हैं वहां भी साल में सिर्फ चार-पांच फिल्में ही अच्छी बनती हैं। यहां की तरह ही वहां भी एनाकॉंडा टाइप की कचरा फिल्में बनती हैं।