बहुमुखी प्रतिभा के धनी बॉलीवुड सेलेब्रिटी फरहान अख्तर का कहना है कि जो अपराधी सुधर चुके हैं, उन्हें फिर से अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करने का एक मौका जरूर मिलना चाहिए। वह अपनी हालिया फिल्म ‘लखनऊ सेंट्रल’ में एक कैदी की भूमिका में हैं। इस शुक्रवार रिलीज हुई इस फिल्म में चार कैदियों की कहानी दिखाई गई है जो एक संगीत बैंड बनाते हैं। फरहान ने यह पूछे जाने पर कि क्या एक व्यक्ति के रूप में वह अपनी कंपनी में किसी पूर्व कैदी को काम देने के लिए तैयार होंगे तो उन्होंने कहा, “हमें इसे व्यापक रूप में देखना होगा। हां..अगर आप कल मुझे किसी से यह कहते हुए परिचित कराती हैं कि उसे नौकरी की तलाश है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड है तो एक क्षण के लिए मैं शायद सोचूंगा और मेरे दिमाग में यह बात आ सकती है कि वह एक अपराधी था। मुझे लगता है कि यह इंसानी फितरत है।”
उन्होंने आगे कहा, “..लेकिन समाज की भलाई के लिए हमें इसे व्यापक नजरिए से देखना होगा। हमारे कानून के मुताबिक, अपराध करने वाला कोई भी शख्स जेल जाता है और अपने अपराध की गंभीरता व क्रूरता के आधार पर सजा पाता है और बाद में एक सुधर चुके व्यक्ति के रूप में जेल से बाहर आता है।”
उन्होंने कहा, “हमें यह समझना होगा कि वे सभी (अपराधी) आम लोग होते हैं, जो पागलपन व क्रोध के कुछ क्षणों में अपराध को अंजाम देते हैं। इसलिए इन लोगों को समाज की मुख्यधारा में स्वीकार करना कई अन्य लोगों को अपराध नहीं करने के लिए प्रेरित कर सकता है और इस प्रकार हम अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।”
अभिनेता ने कहा, “अगर हम ऐसी व्यवस्था कर पाएं जहां अपराधियों को जेल में विभिन्न व्यवासयिक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा सके . फिर चाहे वह संगीत, कला, थिएटर या हस्तकला हो.. तो एक सुधर चुके व्यक्ति के रूप में उन्हें उनके कौशल के साथ फिर से अपनाने की बात उचित है..।”
रंजीत तिवारी निर्देशित फिल्म में डायना पेंटी, गिप्पी ग्रेवाल, राजेश शर्मा, रवि किशन आदि कलाकार भी हैं।