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बेल की अर्जी दाखिल करने के लिए बुर्का पहनकर कोर्ट पहुंची सावंत

अपनी बयानबाजी और तस्वीरों के लिए चर्चा में रहने वाली राखी सावंत एक बार फिर से सुर्खियों में छाई हुई हैं। लेकिन इस बार राखी सावंत न ही अपने किसी विवादित बयान के लिए और न ही किसी वीडियो या तस्वीर के जरिए चर्चा में आई हैं। दरअसल, हाल ही राखी सावंत पंजाब के लुधियाना कोर्ट पहुंची जहां पर उन्होंने बेल के लिए अर्जी दाखिल की। दिलचस्प ये है कि इस दौरान राखी सावंत बुर्के में कोर्ट पहुंची, जिसके जरिए वे चर्चा में आ गई। जहां पर उन्होंने पहले खुद को सरेंडर किया और बाद में उन्होंने जमानत के लिए अर्जी दाखिल दी। लुधियाना के कोर्ट ने रामायण के रचियता वाल्मीकि के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में अभिनेत्री राखी सावंत जमानत आज मंजूर कर ली । न्यायिक मजिस्ट्रेट विश्व गुप्ता ने राखी की जमानत मंजूर की। इससे पहले राखी ने अदालत में आत्म समर्पण किया। गौरतलब है कि दो जून को राखी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए अदालत ने लुधियाना के पुलिस आयुक्त से कहा था कि वह सात जुलाई से पहले अदालत में अभिनेत्री की पेशी सुनिश्चित करें। लोगों की नजरों से बचने के लिए, राखी बुर्के में अदालत में पेश हुईं। अदालत ने एक-एक लाख रुपये के दो मुचलकों पर राखी की जमानत मंजूर की, जिसके बाद वह मुंबई के लिए रवाना हो गईं।
गौरतलब है कि कुछ बीते साल राखी सावंत का बुर्के वाला वीडियो भी काफी वायरल हुआ था।  बता दें की वीडियो में बुर्के में दिख रहीं सावतं उस वक्त कतर में थीं। जहां पर छोटी ड्रैस पहनना गैरकानूनी है। यही वजह थी कि उन्होंने बुर्का पहन लिया और शेख बन गईं थीं।

बता दें राखी पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है, जिसके चलते पिछले काफी दिनों से मुश्किलों में हैं।  उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया गया है। हालांकि उनकी सुनवाई 7 जुलाई को होनी है। लुधियाना की एक अदालत ने शुक्रवार (2 जून) को महाकाव्य ‘रामायण’ के रचयिता वाल्मीकि के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए अभिनेत्री राखी सावंत के खिलाफ ताजा गैरजमानती वारंट जारी किया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट विशव गुप्ता ने राखी के खिलाफ वारंट जारी किया क्योंकि वह सुनवाई में नहीं आईं। उन्होंने लुधियाना के पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि वह सात जुलाई को अदालत में उपस्थित हों।

राखी की तरफ से पेश वकील रजनीश लखनपाल ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल ने इस संबंध में नहीं बोला था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन्होंने वाल्मीकि समुदाय से बिना शर्त माफी भी मांग ली थी। स्थानीय अधिवक्ता नरेंद्र अदिया ने पिछले वर्ष नौ जुलाई को राखी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और दावा किया था कि पिछले साल एक निजी टीवी चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान उनकी टिप्पणियों ने वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को आहत किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने नौ मार्च को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

राखी ने एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था, मैंने बचपन में पढ़ा था कि वाल्मिकी जी एक डाकू से एक संत बन गए, मीका जी भी उसी तरह बदल गए। इस टिप्पणी के बाद वाल्मिकी समुदाय के लोगों ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया था। वहीं अरेस्ट वॉरंट जारी होने के बाद राखी सावंत ने कहा था कि वह बेकसूर है, जो सोशल वर्क करने में विश्वास करती हैं। राखी ने कहा था कि मैं सलमान खान नहीं हूं, मैं राखी सावंत हूं। मेरे ऊपर चार्ज लगाने से किसी को कुछ नहीं मिलेगा। मैं एक आम लड़की हूं जो सोशल वर्क और फिल्मों में काम करती है। बता दें कि उस समय भी राखी के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट लुधियाना की कोर्ट ने जारी किया था।

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