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भूखों मरने की नौबत पर टीम इंडिया के गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का परिवार

टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह हाल ही में आईसीसी की रैंकिंग में टी-20 में दुनिया के नंबर-2 गेंदबाज बन गये हैं। करियर के मोर्चे पर जसप्रीत बुमराह के लिए ये बेहद अच्छी खबर है। लेकिन उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी एक बेहद दुखद खबर हम आपको बताने जा रहे हैं। जसप्रीत बुमराह का परिवार इन दिनों उत्तराखंड के उधमसिंहनगर में बेहद खराब हालत में गुजारा कर रहा है। जसप्रीत बुमराह का दादा होने का दावा करने वाले शख्स सतोष सिंह बुमराह अभी 84 साल के हैं लेकिन अपने और अपने एक दिव्यांग बेटे का जीवन यापन चलाने के लिए उन्हें ऑटो चलाना पड़ता है। संतोष सिंह बुमराह उधमसिंह नगर के किच्छा में एक किराये के मकान में रहते हैं। लेकिन जसप्रीत बुमराह के दादा का ये हाल जानने से पहले आपको 15 साल पीछे जाना पड़ेगा। जब शानों शौकत इस परिवार में शामिल था। संतोष सिंह बुमराह के बेटे और जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर बुमराह गुजरात के अहमदाबाद में कई फैक्ट्रियों के मालिक थे। वेबसाइट इनाडुइंडिया डॉट काम के मुताबिक अहमदाबाद में इनकी तीन फैक्ट्रियां थी। लेकिन 2001 में जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर बुमराह की मौत हो गई। इसके बाद शुरू हुआ इस परिवार के बर्बादियों का सिलसिला।

आंखों में आंसू लिये बुमराह के दादा बताते हैं कि बेटे की मौत के बाद उनका आर्थिक साम्राज्य संकट से घिर गया। बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए तीनों की तीनों फैक्ट्रियां बेचनी पड़ गई। हालात लगातार बिगड़ते गये संतोख बुमराह को अपना सारा कारोबार बेचकर उत्तराखंड आना पड़ गया। इस दौरान कुछ कारणों की वजह से जसप्रीत बुमराह की मां और जसप्रीत अपने दादा से अलग रहने लगे। अपनी जिंदगी के आखिरी सफर पर पहुंच चुके जसप्रीत के दादा की अब एक ही इच्छा है अब वो टीम इंडिया के सितारे जसप्रीत को एक बार अपने गले लगाना चाहते हैं। इसके लिए वो जसप्रीत के आने का इंतजार कर रहे हैं। पूरे घटनाक्रम के लिए संतोख सिंह किसी को दोष नहीं देते हैं वे इसे किस्मत की देन मानते हैं। लेकिन जसप्रीत के दादा और उनके चाचा की एक ही इच्छा है कि वे अपने परिवार के उस शख्स से मुलाकात करें जो गेंदबाजी को भारत में नयी उंचाईयों पर ले गया। जसप्रीत के दादा को उम्मीद है कि उनका पोता आज जिस मुकाम पर है कभी ना कभी उनकी सुध जरूर लेगा।

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