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ये योगासन अपनाकर हो सकती है नार्मल डिलीवरी

आज के समय में बहुत ही कम महिलाओं की सामान्य डिलीवरी होती है, ज्यादातर महिलाओं के बच्चे सिजेरियन प्रक्रिया के तहत हो रहे हैं। इसके लिए हमारी जीवनशैली जिम्मेदार है। जब महिला प्रेग्नेंट होती है उसके शरीर में कई ऐसे बदलाव आ रहे होते हैं, जिन्हें झेलना बहुत मुश्किल होता है। इन सभी परेशानियों से बचने का उपाय सही खान-पान और योग है। योग आम स्थिति में भी हर किसी को करना चाहिए लेकिन जब एक महिला प्रेग्नेंट होती है तो योग उसे कई परेशानियों से बचाता है। डिलीवरी के समय असहनीय दर्द को भी कम करता है। हर प्रेग्नेंट महिला को कुछ योगासन प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने से लेकर नौवें महीने तक अपनाने चाहिए जिससे थकान, बैचेनी, पैरों में दर्द, और सांस लेने में तकलीफ की समस्या से नहीं गुजरना पड़ेगा। योग के कुछ आसन अपनाकर आप सिजेरियन डिलीवरी से छुटकारा पा सकते हैं।

पश्चिमोत्तानासन- यह आसन रोजाना करने से सामान्य डिलीवरी में मददगार साबित हो सकता है। ये आसन प्रेग्नेंसी के समय होने वाली समस्याओं से निपटता है। इससे गर्भावस्था के दौरान रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इसे करने से कमर दर्द भी कम होता है।

तितली आसन- इस आसन को प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने के बाद अपनाना चाहिए। यह गर्भाशय की मांसपेशियों और कमर को मजबूत बनाता है।

अनुलोम विलोम- इस आसन को रोजाना करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। साथ ही इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है

पर्वतासन- प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाला कमर दर्द इस आसन को अपनाने से कम हो जाता है।

उष्ट्रासन- यह आसन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। जिससे शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न नहीं होती है। यह प्रेग्नेंसी में बहुत लाभदायक होता है।

कोणासन- इस आसन को अपनाने से कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और उन्हें ये लचीला बनाता है।

गहरी सांस लें- इस प्रक्रिया को प्रेग्नेंसी के दौरान करते रहना चाहिए। ये आसन बच्चे और मां दोनों के सांस लेने में मदद करता है।

यह आसन नार्मल डिलीवरी के लिए सबसे लाभदायक माना गया है। इस आसन को किसी बॉल या कुर्सी पर किया जाता है। इसमें कुर्सी या बॉल पर बैठकर पैरों को जमीन पर टिकाया जाता है। फिर अपने शरीर को खींचा जाता है इसे रोजाना 20 मिनट के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान करने से ये नार्मल डिलीवरी में सहायक हो सकता है।

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