कप्तानों के विफलताओं से पार पाने के अपने तरीके होते हैं और विराट कोहली का सरल मंत्र है कि ईमानदार रहो और ऐसा कुछ कहो साथी खिलाड़ियों के दिल पर चोट करे। श्रीलंका के खिलाफ मैच हारना कोहली के लिए बड़ा झटका था जिसके बाद टीम को आत्ममंथन की जरूरत पड़ी। कोहली ने कहा, आपको ईमानदार रहना होगा। ऐसी बातें कहनी होंगी जिससे सीधे दिल पर चोट लगे। मेरा तो यही मानना है। आपको खिलाड़ियों को बताना होगा कि गलती कहां हुई है। हमें उनसे सबक लेकर उतरना होगा। इसी वजह से लाखों लोगों में से हमें इस स्तर पर खेलने के लिए चुना गया है।
2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाले भारत ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका को खेल के हर विभाग में हराया। अब सेमीफाइनल में भारत का सामना बांग्लादेश से होगा। भारतीय कप्तान ने कहा, आपको विफलता से वापसी करने का तरीका आना चाहिए। आप बार-बार एक ही गलती नहीं कर सकते। मैं एक दो खिलाड़ियों से नहीं बल्कि सभी से ऐसा कह रहा हूं और सभी उस पर अमल भी कर रहे हैं। कोहली ने यह भी कहा कि कप्तानी के मायने टीम के आकलन में ईमानदार रहना है और यह मानव प्रबंधन की भी कला है। उन्होंने कहा ,जैसे कि मैंने कहा कि आपको यह बताना होगा कि गलती कहां हो रही है। इसी के साथ उन्हें जरूरत से ज्यादा टोकना भी गलत होगा, क्योंकि सभी पेशेवर क्रिकेटर हैं और मैंने इन सभी के साथ काफी क्रिकेट खेली है। आपको समझना होगा कि उनसे कैसे बात करनी है और कैसे चर्चा करनी है।
कोहली ने कहा, वे इस स्तर पर खेलने और अच्छे प्रदर्शन को लेकर प्रेरित हैं। बस छोटी-छोटी बातों को लेकर थोड़ा हौसला बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए हम अधिक मेहनत और अभ्यास करेंगे, ताकि ऐसे हालात में अच्छा खेल सकें।
उन्होंने स्वीकार किया कि हर समय शांतचित्त रहना आसान नहीं होता और वह खुश हैं कि श्रीलंका से मिली हार के बाद टीम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, बतौर कप्तान मैं नहीं कहूंगा कि मैं पूरी तरह से शांत हूं या मेरे साथ कोई मसला नहीं है।आप चाहते हैं कि टीम अच्छा प्रदर्शन करे और मुझे खुशी है कि हम पिछले मैच में ऐसा कर सके।