Asima Chatterjee: देश में आज भी कई जगह ऐसी हैं जहां पर लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता है। अगर हम सन् 1920 और 1930 की बात करें तो उस समय लड़कियों को पढ़ाने को लेकर क्यो सोच रही होगी इसका अंदाजा हम आज के समय से लगा सकते हैं, लेकिन इस दशक में एक महिला ऐसी भी थी जिसने मेहनत की और रसायन विज्ञान में अध्ययन कर डॉक्टरेट करने वाली देश की पहली महिला बन गईं। हम बात कर रहे हैं कोलकाता में पली-बढ़ी डॉक्टर अशिमा चेटर्जी की जिन्होंने न केवल ऑर्गेनिक केमेस्ट्री में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, लेकिन साथ ही साइंस में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। आज यानि 23 सितंबर को अशिमा चेटर्जी का 100वां जन्मदिन है और उन्हें सम्मान देने के लिए गूगल ने उनका डूडल बनाया है।
इस गूगल डूडल में एक अशिमा चेटर्जी की फोटो बनाई गई है। बता दें कि अशिमा का आर्गेनिक केमेस्ट्री में अध्ययन के अलावा अपने करियर में एपीलेप्सी और मलेरिया जैसी बीमारियों के निवारण के लिए दवाइयों पर अध्ययन भी किया था। अशिमा चेटर्जी का जन्म 23 सितंबर, 1917 को हुआ था। अशिमा ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से 1938 में ए.एससी की डिग्री प्राप्त की और फिर 1944 में उन्होंने डी.एससी की डिग्री प्राप्त की। अशिमा भारत की पहली डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने वाली महिला थीं।
इसके बाद 1954 में उन्हें विश्वविद्यालय में शुद्ध केमिस्ट्री विभाग में रीडर के तौर पर नियुक्त किया गया था। अशिमा किसी भारतीय विश्वविद्यलाय में डी.एससी से सम्मानित होने वाली पहली महिला थीं। 1975 में अशिमा को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 1982 से 1990 तक वे राज्यसभा की सदस्य भी रहीं। 1975 में इंडियन साइंस कांग्रेस में जनरल प्रेसिडेंट नियुक्त होने वाली अशिमा पहली महिला थीं।