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61 के होकर भी 16 के दिखते हैं झक्कास एक्टर अनिल कपूर…

ये 60 साल पार कर चुके हैं, लेकिन इन्हें देखकर अब भी सिर्फ एक ही शब्द जुबां पर आता है- झक्कास. समझ तो आप गए ही होंगे कि यहां अनिल कपूर की बात हो रही है. बात इसलिए हो रही है कि क्योंकि आज बॉलीवुड के इस मिस्टर इंडिया का जन्मदिन है और वो पूरे 61 साल के हो गए हैं. ऐसे में सबसे पहले सवाल तो यही जेहन में आता है कि उनकी सेहत का राज क्या है और फिर ये भी कि आने वाले दिनों किस अवतार में दिखने वाले हैं अनिल कपूर. इन्हीं सवालों के जवाब तलाशते हुए उनके अब तक के सफर पर एक नजर-

-अनिल कपूर एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. वह मुंबई से सटे चैंबूर में पले-बढ़े हैं. उनके पिता सुरिंदर कपूर भी फिल्म प्रोड्यूसर थे, फिर भी फिल्मों में करियर बनाने के लिए अनिल को अपने हिस्से का एक अलग ही संघर्ष करना पड़ा.

-बताया जाता है कि जब पहली बार अनिल अपने परिवार को लेकर मुंबई आए थे, तो उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. यहां तक कि उन्हें पैसों के लिए शोमैन राज कपूर के गैराज में भी काम करना पड़ा था.

-शायद ही इस बात पर किसी को यकीन हो कि एक समय उन्हें पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला देने से भी मना कर दिया गया था. वह रिटन एग्जाम में फेल हो गए थे.

-इन सब बातों का उनके करियर पर कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्हें लाइमलाइट में आने में बेशक काफी देर लगी, लेकिन जब वो आए तो अब तक बने हुए हैं.

-अनिल कपूर ने उमेश मेहरा की फिल्म हमारे तुम्हारे से डेब्यू किया था. हम पांच और शक्ति जैसी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल करने के बाद उन्हें पहला बड़ा ब्रेक मिला 1983 में आई फिल्म वो सात दिन से.

-1984 में आई यश चोपड़ा की मशाल से पहचान मिली. शेखर कपूर की साइ-फाइ फिल्म मिस्टर इंडिया ने इन्हें दिलवाया बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड.

-मिस्टर इंडिया से जहां अनिल कपूर घर-घर में पॉपुलर हो गए, वहीं इस बात के पूरे चांस थे कि ये फिल्म उन्हें मिलती ही न. ये रोल उनके लिए लिखा ही नहीं गया था. बताया जाता है कि मिस्टर इंडिया का रोल अमिताभ बच्चन को ध्यान में रखकर लिखा गया था.

-लेकिन अमिताभ बच्चन को फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद नहीं आई थी. इसके बाद ये रोल शेखर कपूर ने राजेश खन्ना को ऑफर किया. उन्होंने भी इस रोल को करने से मना कर दिया. इसके बाद ये फिल्म अनिल कपूर के पास गई और आज तक भी वो दर्शकों के फेवरेट मिस्टर इंडिया बने हुए हैं.

-कई फिल्में करने के बाद बेस्ट एक्टर के लिए पहला फिल्मफेयर मिला साल 1988 में एन.चंद्रा की तेजाब के लिए.

-इसके बाद 1992 में फिर एक बार बेटा फिल्म से बने बेस्ट एक्टर. इसके बाद अनिल कपूर ने कई सफल फिल्में कीं. इनमें 1997 में आई विरासत, 1999 में आई बीवी नं.-1, ताल, पुकार और नो एंट्री जैसे नाम शामिल हैं. साल 2008 में उन्होंने डेनी बॉयल की अकेडमी अवॉर्ड विनिंग फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर में भी काम किया.

-हालांकि उनकी फिल्मों के साथ-साथ उनकी चर्चा उनकी सेहत को लेकर भी होती है. इस बारे में जब उनसे सवाल पूछे जाते हैं, तो वो बताते हैं कि वो दो-तीन घंटे वर्कआउट करते हैं. 11 बजे सो जाते हैं, लेटनाइट पार्टीज में नहीं जाते हैं. डाइट का पूरा ध्यान रखते हैं. दूध से बने पदार्थों का भरपूर सेवन करते हैं.

-हाल ही में ट्विटर पर जब अनुपम खेर ने अनिल कपूर को हाल ही में मिले एक अवॉर्ड के लिए बधाई दी, तो अनिल ने लिखा था कि उनकी जिंदगी अनुपम खेर के सपोर्ट और दोस्ती के बिना अधूरी है. उन्होंने कई फिल्मों में साथ काम किया. इनमें हम आपके दिल में रहते हैं, हमारा दिल आपके पास है, 1942- ए लव स्टोरी, दीवाना मस्ताना, परिंदा और राम लखन खास हैं.

-इन दिनों अनिल कपूर अपनी आने वाली फिल्म फन्ने खां में व्यस्त हैं. इसमें उनके साथ ऐश्वर्या राय बच्चन और राजकुमार राव नजर आएंगे.

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