न्यूजीलैंड में खेले गए अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को करारी मात देकर टीम इंडिया ने खिताब अपने नाम कर लिया। भारत ने चौथी बार ये कारनामा किया है। भारत की इस जीत के सबसे बड़े स्टार रहे ओपनर मनजोत कालरा। मनजोत कालरा ने शानदार नाबाद शतक लगाकर टीम को विश्व कप की ट्रॉफी का हकदार बना दिया। उन्होंने जबरदस्त 102 रन बनाए औऱ अंत तक आउट नहीं हुए।
अपनी शतकीय पारी में कालरा ने 3 फर्राटेदार छक्के और 8 चौके लगाए। कालरा ने अंडर-19 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार 47 रनों की पारी खेली थी और टीम इंडिया को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। यही नहीं, इस अंडर-19 वर्ल्ड कप में कालरा ने 350 से ज्यादा रन बनाए हैं। कालरा अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में खेल रही भारतीय टीम में दिल्ली के एक मात्र खिलाड़ी हैं। टीम इंडिया का नाम पूरी दुनिया में मशहूर करने वाले मनजोत कालरा की भले आज पूरे विश्व में तारीफ हो रही हो लेकिन एक वक्त था जब उनकी मां कबी नहीं चाहती थीं कि वो एक क्रिकेटर बहनें।
मनजोत कालरा का पूरा परिवार दिल्ली के आजादपुर मंडी में रहता है। उनके पिता प्रवीण कुमार व्यापारी हैं। वो चाहते थे कि मनजोत पढ़ाई करे और उसी आधार पर अपने जीवन में आगे बढ़े। मनजोत के अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में चुने जाने पर खुशी जताते हुए कहा था कि मनजोत खेल-खेल में खिलाड़ी बन गया। उन्होंने कहा कि, ‘मनजोत पढ़ने में तेज था इसलिए हमें लगता था कि वो पढ़ाई में ही आगे जाएगा। मनजोत की मां नहीं चाहती थीं कि वो क्रिकेट में अपना वक्त बर्बाद करे। वहीं, मनजोत के बड़े भाई को क्रिकेट से लगाव था। मनजोत अपने बड़े भाई के साथ ही मैच खेला करता था। ऐसे ही खेलते-खेलते वो टीम इंडिया में पहुंच गया।’
आईपीएल 11 के ऑक्शन में मनजोत कालरा अपने बेस प्राइस 20 लाख रुपए में बिके। उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा। बता दें कि मनजोत के अंडर-19 की टीम इंडिया में शामिल होने पर विवाद खड़ा हो गया था। आरोप लगाए गए थे कि मनजोत वर्ल्ड कप में नहीं खेल सकते क्योंकि उनकी उम्र 19 से ज्यादा है। हालांकि, सारे आरोप गलत साबित हुए और मनजोत को टीम में शामिल होने में कोई परेशानी नहीं हुई।