ट्यूबलाइट स्टार कास्ट: सलमान खान, सोहेल खान, माटिन रे टेंगू, झूझू, मोहम्मद जीशान अय्यूब, ओम पुरी, शाहरुख खान
ट्यूबलाइट मूवी डायरेक्टर: कबीर खान
ट्यूबलाइट मूवी रेटिंग: 2
फिल्म की कहानी एक बड़े हो चुके लड़के की है जिसका दिमाग पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा किरदार जो शरीर से बड़ा हो चुका है लेकिन दिमाग अभी भी बच्चों वाला है। स्क्रीन पर सलमान खान को आप सभी ने कई तरह के किरदार को निभाते हुए देखा होगा और हर बार उन्होंने उसे उम्दा तरीके से निभाया है। कबीर खान की इस फिल्म की बात करें तो इसमें उनके किरदार का नाम लक्ष्मण सिंह बिष्ट है। जिसे पड़ोस के बच्चे ट्यूबलाइट कहकर बुलाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे देर से चीजें समझ आती है। जैसे ट्यूबलाइट जलने में टाइम लगाती है। लेकिन एब बार जलने के बाद वो रौशन रहती है। इस फिल्म से उम्मीद है कि यह बजरंगी भाईजान वाला जादू चलाने में कामयाब रहेगी। वहीं डायरेक्टर को अंतर्राष्ट्रीय मामलों को स्क्रीन पर बखूबी दर्शाने के लिए जाना जाता है।
इस बार कबीर खान ने चीन को अपनी कहानी में दिखाने में बीड़ा उठाया है। इस फिल्म के जरिए परफेक्ट संदेश देने की कोशिश की गई है। ट्यूबलाइट में सलमान जंगल में नजर आते हैं। लक्ष्मण एक साफ दिल का शख्स है जो ना केवल अपने भाई भरत से प्यार करता है बल्कि अपने पड़ोसियों से भी शांति और युद्ध के दौरान मोहब्बत करने की सीख देता है। यह मायने नहीं रखता कि बॉर्डर क्या है प्यार हर चीज को पराजित कर लेता है। फिल्म की कहानी की बात करें तो मां-बाप के मरने के बाद लक्ष्मण और भरत एक दूसरे का साथ और मदद करते हुए बड़े हुए हैं। स्पेशल होने के बावजूद लक्ष्मण जिंदगी की एक सीख को लेकर जीता है कि अपने विश्वास को हमेशा जिंदा रखना चाहिए। अगर आपको खुदपर विश्वास है तो आप कुछ भी कर सकते हैं। युद्ध रोकने से लेकर चट्टान तक हिला सकते हैं।
जगतपुर से फिल्म की कहानी शुरु होती है। हॉलीवुड फिल्म लिटिल ब्वॉय से प्रेरित ट्यूबलाइट में दिखाया गया है कि कैसे लोग लक्ष्मण की हरकतों पर हसंते हैं या उसे डांटते रहते हैं। बन्ने चाचा (ओम पुरी)मौका मिलने पर हीरो को गांधी तज्ञान देते रहते हैं। वहीं नारायण (मोहम्मद जीशान अय्यूब) एक स्थानीय नागरिक है जो लक्ष्मण को बिना वजह थप्पड़ा मारता है। बाद में वो थप्पड़ा मारना कम करके उसे चिढ़ाना ज्यादा शुरू करता है। भारत और चीन का युद्धा शुरू होने के बाद लिलिंग (झूझू) औप पर्की गुओ (माटिन रे टेंगू) जोकि चीनी प्रवासी हैं जगतपुर आते हैं। ऐसा लगता है कि यह कहानी हिंदी चीनी भाई-भाई की भावनाओं को जगाने के लिए बनाई गई है।
फिल्म में युद्ध के सीन ढंग से नहीं फिल्माए गए हैं। जिसकी वजह से यह किसी तरह की भावनाएं जगाने में असफल रहती है। कई मौको पर आप फिल्म पर अपना विश्वास खोते हुए लगेंगे। गाने की बात करें तो नाच मेरी जान और सजन रेडियो कमाल के हैं इसके जरिए प्रीतम अपना जादू बिखेरने में कामयाब रहे हैं। शाहरुख खान का जादूगर के तौर पर किरदार गो गो पाशा है जो आपको काफी अच्छा लगेगा। कुल मिलाकर सलमान खान की परफॉर्मेंस के लिए फिल्म देखी जा सकती हैं। हालांकि इसमें वो आपको अपनी एब्स और शर्टलेस सीन में नहीं दिखेंगे।