रेलवे में नौकरी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। हालांकि, प्रदर्शनकारी छात्र अभी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं, लेकिन पुलिस और जीआरपी द्वारा रेल यातायात सामान्य करा दिया गया है। बता दें कि आज सुबह सैकड़ों छात्रों ने मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन के पहिए जाम कर दिए थे। छात्र रेलवे अप्रेंटिस हैं और रेलवे में नौकरी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों के विरोध के चलते लोकल ट्रेन में सफर करने वाले लाखों लोग प्रभावित हुए। प्रदर्शनकारी छात्रों ने माटुंगा से छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के बीच रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था, जिससे कुर्ला से आगे लोकल ट्रेन की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई थी। फिलहाल, पुलिस और जीआरपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को सामान्य कर दिया है और ट्रैक पर लोकल ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है।
खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारी छात्र सुबह 7-7.15 बजे से रेलवे ट्रैक पर जमे थे, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऑफिस या अन्य जरूरी काम के लिए निकले लोग रेलवे लाइन पर ही अटके रहे, लेकिन अब आंदोलन खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य हो गई है। बताया जा रहा है कि पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाने के लिए हल्का लाठी चार्ज भी किया, लेकिन इसमें भी पुलिस को सफलता नहीं मिली और प्रदर्शनकारी छात्र रेलवे ट्रैक पर जमे रहे। इस वजह से मुंबई के कुर्ला स्टेशन से कोई ट्रेन आगे नहीं बढ़ पा रही थी।
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने हाल ही में बड़े स्तर पर भर्तियां निकालने की घोषणा की थी। रेलवे सेफ्टी को मजबूत करने के लिए अकेले ग्रुप सी और डी में सरकार ने करीब 89000 नई भर्तियां करने का एलान किया था। नई भर्तियों की घोषणा पिछले साल सितंबर माह में तब की गई थी, जब रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपना कार्यभार संभाला था। बता दें कि रेलवे हर साल करीब 5-10 हजार नई भर्तियां करता है। प्रदर्शन कर रहे रेलवे अप्रेंटिस का कहना है कि अप्रेंटिस के लिए लागू 20 प्रतिशत नौकरी का कोटा खत्म किया जाए। रेलवे अप्रेंटिसों का ये भी आरोप है कि पिछले 4 सालों से अप्रेंटिस की रेलवे में भर्ती नहीं की गई है।
गौरतलब है कि जहां एक तरफ मुंबई में छात्र रेलवे में नौकरी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में छात्र एसएससी ऑफिस के बाहर पिछले 2 हफ्ते से भी ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि एसएससी के लीक पेपरों की जांच की जाए। बता दें कि एसएससी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को राजनैतिक समर्थन भी मिल रहा है। राहुल गांधी समेत कई नेता धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रों को समर्थन दे चुके हैं।