जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर विवाद शुरू हो गया है। टीवी एंकर रोहित सरदाना ने ट्वीट किया, ‘उमर अब्दुल्ला विधानसभा में पूछ रहे हैं कि जिस पत्थरबाज को सेना ने जीप में बांधा था, उसे सरकार ने क्या दिया? इनका बस चले तो 26 जनवरी पर पत्थरबाजों को भी वीरता सम्मान दे दें!’ इस पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दिनेश चावला ने लिखा, ‘रोहित भाई आप कहें तो मैं जाकर बांस दे आऊं…वैसे भी अब इसे पेड़ों की श्रेणी से हटा दिया गया है।’ एक और व्यक्ति ने लिखा, ‘मलाल ये नहीं कि आज हंस रहा है पाकिस्तान, रंज ये है कि भारत में भी बस रहा है पाकिस्तान।’ एक और ट्वीट में कहा गया, ‘मैं सिर्फ एक ही बात जानता हूं कि उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला कश्मीर की आजादी मांगने वालों के साथ खड़े हैं। ये सभी पाकिस्तान के दूत हैं।’ अंकुर मिश्रा ने लिखा, ‘उमर अब्दुल्ला चाहते हैं कि पत्थरबाजों को मुआवजा और इनाम मिले, ताकि सेना पर पत्थर फेंकने वालों को प्रेरणा मिले और पत्थरबाजों की एक नई खेप तैयार हो सके। माहौल जितना अराजक होगा, इनके खातों में उतनी ही हरियाली होगी।’ जस्सी भारद्वाज ने ट्वीट किया, ‘जब तक न सांप आस्तीन के मारे जाएंगे, हौसला कितना भी हो हम जंग हारे जाएंगे।’ वहीं, ब्रजेश ने लिखा, ‘उमर अब्दुल्ला ही नहीं इस लिस्ट में असदुद्दीन ओवैसी, आजम खान, दिग्विजय सिंह, सोनिया गांधी और बहुत से नेता हैं। इनका बस चले तो पत्थरबाजों और आतंकियों को वीरता का सम्मान दे दे।’
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार (2 फरवरी) को विधानसभा में सेना की जीप में बांधे गए फारूक डार पर बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर मानवाधिकार आयोग द्वारा इस मामले (फारूक डार को जीप में बांधने) में संज्ञान लेने के बाद आपने (मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती) मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन आप मुआवजा न दे सकीं। आपने लिखित जवाब में कहा था कि मुआवजा देने का मतलब होगा कि सुरक्षाबल दोषी है। सुरक्षाबल ने वह किया जो उन्हें करना था। डार को जीप से बांधने वाले मेजर को मेडल दिया गया, लेकिन डार का क्या? ना इधर का न उधर का। यदि वह हकीकत में पत्थरबाज होता तो यह उनके लिए बेहतर होता। कम से कम हुर्रियत वाले उसे अपना तो लेते। यदि हम उसे अपनाते हैं तो ऐसा लगेगा कि जैसे हमने न्याय किया है।’ मालूम हो कि मेजर लीतुल गोगोई ने पत्थरबाजों को नियंत्रित करने के लिए फारूक डार को अपनी जीप के आगे बांध दिया था।