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सीताराम येचुरी ने कहा- इस बार किसानों को ठगे जाने का परिणाम ठीक नहीं होगा…

मुंबई: किसानों की ताकत के आगे आखिरकार महाराष्‍ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार को झुकना पड़ा और किसानों की अधिकतर मांगें मान ली गईं. मांगें पूरी होने के बाद किसान वापस लौट चुके हैं. ‘किसान लॉन्‍ग मार्च’ को लेकर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा, ‘बीजेपी विपक्ष मुक्त भारत अभियान में जुटी हुई है, जबकि हमारे किसान ‘कर्ज मुक्त भारत’ की मांग कर रहे हैं. इससे पहले 2016 में भी नासिक में करीब एक लाख किसानों ने इन्हीं मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. उस समय भी किसानों से झूठे वादे किए गए थे. सरकार ने जब अपना वादा नहीं निभाया तो मजबूरी में किसानों को नासिक से 180 किलोमीटर की दूरी चलकर मुंबई तक आना पड़ा.’

सरकार ने लिखित में दिया मांगे पूरी करने का वादा
सीपीएम महासचिव येचुरी ने कहा, ‘इस बार किसानों की मांगों को पूरा करने को लेकर सरकार की तरफ से लिखित में भरोसा दिया गया है. अपने वादे को पूरा करने के लिए सरकार के पास 6 महीने का वक्त है. अगर इस बार भी सरकार अपने वादे को पूरा नहीं करती है तो यह आंदोलन किसानों तक सीमित नहीं रह जाएगा.’

बता दें कि सोमवार (12 मार्च) को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किसान नेताओं के साथ करीब 3 घंटे तक मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद सरकार ने किसानों की ज्यादातर मांगे मान ली. फॉरेस्ट लैंड को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है जो अगले 6 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें, सरकार की तरफ से लिखित आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया.

40 हजार से ज्यादा किसान मुंबई में एकजुट हुए थे
अपनी मांगों को लेकर नासिक से करीब 40 हजार किसान 6 मार्च को ‘लॉन्‍ग मार्च’ पर निकले. रविवार को सभी किसान मुंबई पहुंचे. किसानों की रणनीति इस बार विधानसभा को घेरने की थी, लेकिन सरकार ने स्थिति को भांपते हुए बातचीत को राजी हुआ. बीजेपी गठबंधन के घटक शिवसेना ने भी इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया है. एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने भी रविवार को मुंबई पहुंचे किसानों की सभा को संबोधित किया था.

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