आईपीएल के शुरु होने के साथ ही अकसर सट्टेबाजी की खबरें आने लगती हैं। एक बार भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इस बार ये मामला आईपीएल से जुड़ा नहीं है बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी से जुड़ा है जो 2011 विश्व विजेता भारतीय टीम के 14 खिलाड़ियों में शामिल था। मैच फिक्सिंग के आरोप में इस खिलाड़ी की जांच की जा रही है। इस खिलाड़ी पर ये आरोप है कि इसके तार मैच फिक्सिंग सिंडिकेट से जुड़े हुए थे। इस मैच फिक्सिंग सिंडिकेट ने पिछले साल जुलाई में हुए जयपुर में एक डोमेस्टिक टी-20 टूर्नामेंट भी आयोजित करवाया था।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार राजपूताना प्रीमियर लीग (आरपीएल) सबसे पहले BCCI के एंटी करप्शन सिक्योरिटी यूनिट की नजर में आया था। अब राजस्थान की सीआईडी टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है। सूत्रों के अनुसार राजस्थान पुलिस को जानकारी मिली थी कि मैच फिक्सिंग रैकेट का ये मास्टरमाइंड ही आर.पी.एल कराने के पीछे था। इस वजह से आरपीएल में भी फिक्सिंग की जांच की जा रही है। साथ ही इस मास्टरमाइंड का बिजनेस लिंक एक भारतीय खिलाड़ी के साथ भी है, जो देश के लिए क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेल चुका है। इस लीग के फाइनल मुकाबले में कांटे की टक्कर चल रही थी। वहीं आखिरी ओवरों में एक बॉलर ने काफी दूर वाइड बॉल फेंकते हुए 8 बाइ दिए थे। जिस वजह से बीसीसीआई को शक हुआ और उसने इसकी जांच के लिए राजस्थान पुलिस से मांग की थी।
इस भारतीय खिलाड़ी का नाम 14 आरोपियों से पूछताछ के दौरान सामने आया था। इन आरोपियों को सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के आरोप में जयपुर के 4 होटलों से पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों में आरपीएल के ऑर्गनाइजर्स, खिलाड़ी, अंपायर और कथित सट्टेबाज शामिल हैं। उनके पास से कैश, मोबाइल, वॉकी टॉकी और लैपटॉप बरामद किया गया था।